नरकटियागंज, बिहार — बेतहाशा गर्मी से राहत पाने की कोशिश में रविवार दोपहर नदी में नहाने उतरे चार बच्चों की जान चली गई। वे खेलते-खेलते अचानक गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। मौके पर मौजूद लोगों ने शोर मचाकर मदद की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
डूबने वाले सभी बच्चे नदी में नहा रहे थे
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प्राथमिक जानकारी के अनुसार, चारों बच्चे दोपहर के वक्त नदी किनारे पहुंचे थे। नहाते हुए वे अचानक गहरे हिस्से में चले गए और खुद को संभाल नहीं पाए। जब तक बचाव किया जा सके, वे पानी की गहराई में समा चुके थे।
डूबे बच्चों की पहचान: दो सगे भाई भी शामिल
स्थानीय पुलिस ने चारों मृत बच्चों की पहचान कर ली है:
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दिलशाद और इरशाद, पिता मुस्तफा आलम — दोनों सगे भाई थे और नरकटियागंज नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 2 से थे। वे इन दिनों अपनी मौसी के घर आए हुए थे।
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रिजवान, पिता फिरोज आलम — गौनहा थाना क्षेत्र के जमुनिया गांव का निवासी।
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आरिफ अंसारी, पिता अनवर अंसारी — यह बच्चा भी जमुनिया गांव का ही रहने वाला था।
SDRF की मदद से चला सर्च ऑपरेशन
घटना की जानकारी मिलते ही अंचलाधिकारी सुधांशु शेखर, स्थानीय थाना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम को बुलाया गया। टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाकर चारों शवों को नदी से बाहर निकाला।
शवों के बाहर आते ही माहौल गमगीन हो गया। माताओं की चीख-पुकार और परिजनों की बेहोशी ने गांव में शोक की लहर फैला दी। एक ही मोहल्ले से चार जनाजे उठने की तैयारी ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया।
प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हर साल इसी नदी में बच्चे डूबते हैं, लेकिन अब तक किसी प्रकार की चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा घेरा या जीवन रक्षक उपकरण की व्यवस्था नहीं की गई है। ग्रामीणों ने इस घटना को स्थायी प्रशासनिक विफलता करार दिया।
अंचलाधिकारी सुधांशु शेखर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “चारों बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं और प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है।”