Voter Verification Bihar 2025: 88% हो चुके Verify, अब बचे सिर्फ 32 लाख… छूट न जाए मौका

Agnibho

Voter Verification Bihar 2025

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) का विशेष गहन सत्यापन शुरू किया है। यह प्रक्रिया राज्य के हर नागरिक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सही मतदाता सूची से ही निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संभव होते हैं। आयोग ने इस बार पूरी कोशिश की है कि कोई भी फर्जी, मृत, या दो जगह नाम लिखवाने वाले वोटर सूची में ना रहें।

राज्य में अब तक लगभग 88% मतदाताओं का वेरिफिकेशन हो चुका है, लेकिन अभी भी करीब 32 लाख वोटरों का सत्यापन बाकी है। यह प्रक्रिया बहुत जरूरी है क्योंकि आयोग का लक्ष्य है कि हर नागरिक, जिसकी उम्र और योग्यता पूरी हो, उसका नाम सही तरह से वोटर लिस्ट में दर्ज हो जाए। वोटर सत्यापन के इस अभियान में लोगों को फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज जमा करने हैं, जिससे उनकी पहचान पक्की हो सके।

25 जुलाई वोटर सत्यापन के लिए अंतिम तारीख तय की गई है। इसके बाद भी अगर कोई नाम जोड़ना या सुधार करवाना चाहता है, तो उसके लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर तक का समय रहेगा। यानी मतदाता सूची अपडेट करने के मौके एक अगस्त के बाद भी मिलेंगे, जिससे कोई भी योग्य वोटर मतदान से वंचित नहीं रह सकेगा।

उद्देश्य और जरूरत

वोटर लिस्ट की शुद्धता देश और राज्य के लोकतंत्र के लिए जरूरी है। गलत या दोहराए गए नाम, मृतक या राज्य से बाहर जाने वालों के नाम अगर सूची में रहते हैं तो चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रभावित होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision या SIR) अभियान चलाया है।

इस अभियान में चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि मतदान केंद्र स्तर अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर हर मतदाता का सत्यापन करेंगे। अधिकारी मतदाता से उनकी पूरी जानकारी के साथ दस्तावेज मांगेंगे और जानकारी ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से जमा की जा सकती है। इस सत्यापन में करीब 35 लाख ऐसे वोटरों का नाम लिस्ट से हटाया जाना तय हुआ है जो या तो फर्जी हैं, मृतक हैं, या राज्य से बाहर चले गए हैं।

मूल उद्देश्य यह है कि हर घर तक जाकर असली और योग्य मतदाता की पहचान की जाए और उनकी जानकारी वोटर लिस्ट में सही-सही दर्ज हो।

चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई योजना

भारत निर्वाचन आयोग की यह योजना बिहार सहित पूरे देश में समय-समय पर लागू होती रही है, लेकिन इस बार बिहार में अधिक जोर देकर यह प्रक्रिया चलाई जा रही है। राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण, यानी SIR 2025, के तहत बीएलओ घर-घर जाकर एन्युमरेशन फॉर्म (गणना प्रपत्र) बांट रहे हैं। यह फॉर्म 25 जून से 26 जुलाई तक वापस जमा किए जा सकते हैं।

आयोग ने हर विधानसभा क्षेत्र और बूथ पर कर्मचारियों की तैनाती की है। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है उन्हें दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं है। वहीं जिनका नाम पहली बार या बाद में लिखा जाना है, उन्हें पहचान और पते संबंधी दस्तावेज देने होंगे।

साथ ही, खासकर युवा वोटरों, दिव्यांग वोटरों और बाहर रह रहे लोगों को नाम जोड़ने में हरसंभव मदद दी जा रही है। आयोग ने ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध कराई है, जिससे राज्य के बाहर रह रहे लोग भी आवेदन कर सकें।

दस्तावेज और प्रक्रिया

अगर कोई मतदाता नया नाम जोड़ना या अपना नाम, पता, उम्र, फोटो, आदि में सुधार करवाना चाहता है, तो उसे फॉर्म-6 भरना होगा। यह फॉर्म ऑनलाइन वेबसाइट या बीएलओ से मुफ्त में मिल सकता है। इसके साथ निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है — जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बिजली बिल, बैंक पासबुक, या ड्राइविंग लाइसेंस आदि।

1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे व्यक्ति के माता–पिता में से कम-से-कम एक के भारतीय नागरिक होने का प्रमाण भी मांगा जाता है।

ऐसे चुनावी क्षेत्रों के मतदाता, जहां कुछ विशेष परिस्थितियां हैं (जैसे प्रवासी, वृद्ध या दिव्यांग व्यक्ति), उन्हें घर बैठे सुविधा या विशेष मदद दी जाती है।

जिन मतदाताओं का नाम 2003 से पहले की मतदाता सूची में है, उन्हें नए दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी।

फॉर्म भरते समय सही नाम, पते और व्यक्तिगत जानकारी के साथ एक हालिया फोटो और हस्ताक्षर/अंगूठे का निशान देना जरूरी है।

आवेदन करने के दो प्रमुख तरीके हैं:

  • ऑनलाइन: वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण कर फॉर्म-6 भरें और आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
  • ऑफलाइन: BLO से फॉर्म-6 लें, भरकर संबंधित दस्तावेज के साथ उन्हें वापस जमा दें।

टाइमलाइन और जरूरी तारीखें

  • फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि: 25 जुलाई 2025
  • दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि: 1 सितंबर 2025
  • ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने की तिथि: 1 अगस्त 2025
  • दावे और आपत्ति दर्ज करने की अवधि: 1 अगस्त – 1 सितंबर 2025
  • अंतिम मतदाता सूची जारी करने की तिथि: 30 सितंबर 2025

फॉर्म और दस्तावेज जमा करने के बाद BLO और ERO (Electoral Registration Officer) द्वारा सत्यापन किया जाएगा। जो फ़ॉर्म अधूरे होंगे, या दस्तावेज में कोई गड़बड़ी होगी, उनपर कार्रवाई की जाएगी।

सरकार और आयोग की तरफ से मिल रही सुविधाएं

सरकार और निर्वाचन आयोग की ओर से वोटर सत्यापन और नाम जोड़ने/सुधारने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई खास उपाय किए गए हैं। आयोग ने सभी जिलों में हेल्पलाइन नंबर और सहायता केंद्र बनाए हैं, जहां जरूरी जानकारी और सहायता मिलती है।

वृद्ध, दिव्यांग और बाहर रह रहे लोग (जैसे छात्र या कामकाजी युवक-युवतियां) ऑनलाइन नाम जोड़ सकते हैं, इसके लिए मोबाइल या कंप्यूटर की जरूरत होगी। ब्लॉक, पंचायत और बूथ स्तर पर BLO नियुक्त किए गए हैं, जो फॉर्म लेने-देने, जानकारी समझाने और दस्तावेज इकट्ठा करने में मदद करते हैं।

आयोग की तरफ से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि कोई भी अनपढ़ या ग्रामीण नागरिक भ्रमित ना हो और प्रक्रिया को अच्छे से समझकर पूरी कर सके।

क्या होगा यदि सत्यापन नहीं होता?

अगर 25 जुलाई तक कोई नागरिक सत्यापन या फॉर्म-6 नहीं भरता है और उसका नाम मतदाता सूची में ग़लती से काट दिया जाता है, तो उसके पास 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दस्तावेज जमा करने का मौका मिलेगा। संतोषजनक दस्तावेज जमा करने पर नाम फिर से जोड़ा जा सकता है। अंतिम मतदाता सूची जारी होते समय भी अंतिम आपत्तियां दर्ज करवाई जा सकती हैं।

निष्कर्ष

बिहार में वोटर सत्यापन अभियान लोकतंत्र को मजबूत करने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का एक बड़ा कदम है। हर योग्य मतदाता को नियमों के अनुसार अपना नाम पक्की करवाना बहुत जरूरी है। समय पर सत्यापन और दस्तावेज जमा कर हर नागरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता है, जिससे आने वाले चुनाव सही, पारदर्शी और स्वतंत्र हो सकें।

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