सरकारी नौकरी भारत में सबसे सुरक्षित और सम्मानित नौकरियों में से एक मानी जाती है। लाखों लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रयासरत रहते हैं क्योंकि इसमें स्थिरता, सामाजिक सुरक्षा और कई अन्य लाभ मिलते हैं। हालांकि, सरकारी नौकरी में प्रमोशन यानी पदोन्नति को लेकर हाल ही में एक बड़ा बदलाव और विवाद सामने आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में स्पष्ट किया है कि सरकारी नौकरी में प्रमोशन पाना कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। इससे सरकारी कर्मचारियों में चिंता की लहर दौड़ गई है कि अब पदोन्नति के नियमों में क्या बदलाव होंगे और उनका करियर कैसे प्रभावित होगा।
सरकार भी इस मामले में नए नियम बनाने की तैयारी कर रही है ताकि प्रमोशन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और योग्यता आधारित बनाया जा सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने रोजगार बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक नया रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (Employment Linked Incentive Scheme) भी शुरू किया है, जो अगस्त 2025 से लागू होगी।
इस योजना का मकसद देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है, जिससे नए कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। आइए विस्तार से समझते हैं सरकारी नौकरी में प्रमोशन के नियमों में आए बदलाव और इससे जुड़े नए सरकारी कदम।
Promotion Rights 2025
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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है जिसमें कहा गया कि सरकारी नौकरी में प्रमोशन पाना संवैधानिक अधिकार नहीं है। यानी कि संविधान में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि किसी सरकारी कर्मचारी को पदोन्नति मिलना जरूरी है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रमोशन के नियम बनाने का अधिकार विधायिका और कार्यपालिका के पास है, यानी केंद्र सरकार या राज्य सरकारें ही तय करेंगी कि किस आधार पर प्रमोशन दिया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि सरकार को यह निर्णय लेने का पूरा अधिकार है कि वह किस कर्मचारी को किस योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देगी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि न्यायपालिका इस बात की समीक्षा नहीं करेगी कि प्रमोशन के लिए बनाई गई नीति उचित है या नहीं, बशर्ते कि यह नीति संविधान के अनुच्छेद 16 (समान अवसर की गारंटी) का उल्लंघन न करे।
इस फैसले का मतलब यह हुआ कि सरकारी कर्मचारी अब प्रमोशन को एक अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकते। सरकार को भी अब पदोन्नति के लिए नए नियम बनाने होंगे जो योग्यता, वरिष्ठता और अन्य मानदंडों को ध्यान में रखकर बनाए जाएंगे। इस फैसले से लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति की प्रक्रिया में बदलाव आ सकता है और यह एक नई बहस का विषय बन गया है।
नए नियम और सरकार की पहल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई राज्य सरकारें और केंद्र सरकार भी प्रमोशन नियमों को लेकर नए प्रावधान बना रही हैं। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश सरकार ने “Madhya Pradesh Public Service Promotion Rules 2025” को मंजूरी दी है।
इस नियम में आरक्षित वर्गों के हितों का संरक्षण करते हुए पदोन्नति के लिए मेरिट और वरिष्ठता दोनों को ध्यान में रखा गया है। इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए अलग से आरक्षण भी सुनिश्चित किया गया है। इसके तहत लगभग दो लाख नए पद बनाए जाएंगे, जिससे सरकारी सेवा में सुधार और दक्षता बढ़ेगी।
नए नियमों के अनुसार, पदोन्नति के लिए पात्रता का निर्धारण योग्यता, वरिष्ठता और आरक्षण के आधार पर किया जाएगा। चयन सूची अगले वर्ष के पदों के लिए उसी वर्ष के अंत तक तैयार की जाएगी ताकि पदों का समय पर भरण हो सके। यह नियम सरकारी कर्मचारियों के करियर ग्रोथ के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना
सरकार ने अगस्त 2025 से लागू होने वाली रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है, जिसका बजट लगभग एक लाख करोड़ रुपये है। इस योजना का उद्देश्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित करना है, जिसमें लगभग 1.92 करोड़ नए रोजगार पाने वाले होंगे।
इस योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (अधिकतम 15,000 रुपये तक) दिया जाएगा। वहीं, नियोक्ताओं को नए कर्मचारियों को रोजगार देने पर दो साल तक प्रति कर्मचारी 3,000 रुपये प्रति माह तक प्रोत्साहन मिलेगा। खासतौर पर विनिर्माण क्षेत्र को इस योजना में अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। यह योजना रोजगार सृजन के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा को भी बढ़ावा देगी।
निष्कर्ष
सरकारी नौकरी में प्रमोशन अब संवैधानिक अधिकार नहीं रहा है, यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया है। सरकार को पदोन्नति के नियम बनाने का पूरा अधिकार है, जो योग्यता, वरिष्ठता और आरक्षण के आधार पर होंगे। साथ ही, रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना जैसे कदम रोजगार के अवसर बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेंगे।
सरकारी कर्मचारियों के लिए यह समय बदलाव और नए नियमों को समझने का है ताकि वे अपने करियर को बेहतर दिशा दे सकें।