आज के समय में उच्च शिक्षा बेहद महंगी होती जा रही है। कई छात्र देश के नामी विश्वविद्यालयों या विदेश में पढ़ाई करने का सपना देखते हैं, लेकिन उन्हें फीस, रहने और अन्य खर्चों को लेकर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में एजुकेशन लोन एक कारगर समाधान बनकर सामने आता है, जिससे छात्र अपने सपनों की उड़ान भर सकते हैं।
एजुकेशन लोन बैंक से मिलने वाला वो कर्ज है, जो छात्र की पढ़ाई से जुड़े सभी जरूरी खर्चों को कवर करता है। इसमें ट्यूशन फीस, हॉस्टल, किताबें, लैब खर्च, ट्रैवल व दूसरे जरूरी खर्च भी शामिल होते हैं। अच्छी बात ये है कि कई बैंक ऐसी सुविधा भी देते हैं कि लोन की EMI कोर्स पूरा होने के बाद शुरू होती है, जिससे छात्र को पढ़ाई के दौरान आर्थिक तनाव नहीं होता।
सबसे कम ब्याज दर पर एजुकेशन लोन
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आज कई सरकारी और निजी बैंक शिक्षा ऋण दे रहे हैं, लेकिन कुछ बैंक कम ब्याज दर की वजह से छात्रों में काफी लोकप्रिय हैं। अगर आप 50 लाख रुपए का एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए बैंक आपको सस्ते ब्याज पर यह सुविधा देते हैं।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) वर्तमान में शिक्षा ऋण पर न्यूनतम 8.35% सालाना ब्याज दर ऑफर कर रहा है। अगर आप 15 साल की अवधि के लिए 50 लाख रुपए का लोन लेते हैं तो आपको हर महीने लगभग 48,800 रुपए की EMI चुकानी होगी।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी एजुकेशन लोन पर 8.50% की ब्याज दर प्रदान कर रहा है। इस दर पर तथा उसी राशि व अवधि पर आपकी मासिक किश्त करीब 49,000 रुपए के आसपास होगी।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ब्याज दर फिलहाल करीब 8.65% है। इस हिसाब से 15 साल के टेन्योर पर 50 लाख रुपए का एजुकेशन लोन लेने पर आपको हर महीने करीब 49,678 रुपए की EMI चुकानी होगी।
कुछ निजी बैंक जैसे ICICI बैंक, एक्सिस बैंक से भी एजुकेशन लोन लिया जा सकता है, लेकिन उनकी ब्याज दरें आमतौर पर 9% से ज्यादा होती हैं। हालांकि ब्याज दर छात्र के कोर्स, संस्थान की प्रतिष्ठा, अभ्यर्थी के क्रेडिट स्कोर और अन्य दस्तावेजों के आधार पर अलग हो सकती हैं।
EMI कैसे तय होती है?
EMI (Equated Monthly Installment) उस राशि को कहते हैं, जो आप हर महीने बैंक को चुकाते हैं। EMI तीन बातों पर निर्भर करती है – लोन की कुल राशि, ब्याज दर और समय अवधि (टेन्योर)।
उदाहरण के लिए:
- यदि आप 8.35% ब्याज दर पर 50 लाख रुपए का लोन 15 साल के लिए लेते हैं, तो आपकी मासिक EMI करीब ₹48,800 होगी।
- वही लोन अगर 8.65% ब्याज दर पर लिया जाए, तो EMI बढ़कर करीब ₹49,678 तक पहुंच सकती है।
अगर आप लोन की लंबी अवधि चुनते हैं तो EMI थोड़ी कम होती है, लेकिन कुल मिलाकर ब्याज ज्यादा देना पड़ सकता है। इसके विपरीत, कम अवधि वाला लोन महंगी EMI देता है, लेकिन ब्याज में बचत होती है। कई बैंक कोर्स के दौरान और उसके 6 महीने या 1 साल बाद तक की ग्रेस पीरियड (Moratorium Period) भी देते हैं, जिसमें EMI देने की जरूरत नहीं पड़ती।
सरकार की योजनाएं और मदद
भारत सरकार की तरफ से भी छात्रों को सस्ती ब्याज दर पर एजुकेशन लोन दिलवाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। विद्या लक्ष्मी पोर्टल, क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम और इंटरस्ट सब्सिडी स्कीम जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र सरलता से लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
विशेषकर प्रधानमंत्री की शिक्षा ऋण ब्याज सब्सिडी योजना (Interest Subsidy Scheme) के तहत उन छात्रों को बड़ी राहत मिलती है, जिनके परिवार की वार्षिक आमदनी ₹4.5 लाख या उससे कम है। इस योजना में कोर्स की अवधि और एक साल तक का ब्याज सरकार की तरफ से चुकाया जाता है।
इस प्रकार की योजनाओं से छात्रों और उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ कम होता है और वे अपनी पढ़ाई पर पूरा फोकस कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया
शिक्षा ऋण लेने के लिए नीचे दी गई सामान्य योग्यताओं और दस्तावेजों की जरूरत होती है:
- छात्र की आयु 16 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश मिल चुका हो।
- दसवीं व बारहवीं की मार्कशीट।
- एडमिशन लेटर और फीस स्ट्रक्चर।
- पहचान प्रमाण (जैसे आधार कार्ड), पते का प्रमाण।
- परिवार की आय का प्रमाण (इनकम सर्टिफिकेट)।
- कुछ मामलों में को-अप्लिकेंट (जैसे माता-पिता) की जानकारी और संपत्ति का विवरण भी देना होता है।
अक्सर सरकारी बैंक 7.5 लाख रुपए तक का लोन बिना किसी सिक्योरिटी के दे देते हैं, लेकिन इससे ऊपर की राशि के लिए गारंटी या कोलैटरल जरूरी होता है।
निष्कर्ष
अगर आप उच्च शिक्षा के सपने देख रहे हैं और आर्थिक रूप से सीमित हैं, तो एजुकेशन लोन बड़ी मदद बन सकता है। सही बैंक, कम ब्याज दर और सरकार की सहायता से आप अपना लक्ष्य आसानी से पा सकते हैं। EMI योजना और ऋण की शर्तों को ध्यान में रखकर आवेदन करें और अपने भविष्य को एक सशक्त दिशा दें।