Follow

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use

पुनौरा धाम जानकी मंदिर निर्माण समिति का पुनर्गठन, मुख्यमंत्री की मंशा को मिला बल

पुनौरा धाम जानकी मंदिर निर्माण समिति का पुनर्गठन, मुख्यमंत्री की मंशा को मिला बल पुनौरा धाम जानकी मंदिर निर्माण समिति का पुनर्गठन, मुख्यमंत्री की मंशा को मिला बल

पटना/सीतामढ़ी — बिहार सरकार ने ऐतिहासिक पुनौरा धाम (सीतामढ़ी) में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट का पुनर्गठन कर दिया है। नया ट्रस्ट राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और धार्मिक प्रतिनिधियों के समन्वय से संचालित होगा। यह कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उस घोषणा के बाद उठाया गया है जिसमें उन्होंने यहां अयोध्या की तर्ज पर भव्य मंदिर बनाने की बात कही थी।


ट्रस्ट की संरचना ऐसे होगी:

  • अध्यक्ष: बिहार के मुख्य सचिव (अमृत लाल मीणा)

  • उपाध्यक्ष: विकास आयुक्त

  • सचिव: सीतामढ़ी के जिलाधिकारी

  • कोषाध्यक्ष: उपविकास आयुक्त, सीतामढ़ी

  • अन्य सदस्य:

    • पुनौरा धाम के महंत

    • पर्यटन विभाग के सचिव

    • पथ निर्माण विभाग के सचिव

    • नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव

    • तिरहुत प्रमंडल आयुक्त

बिहार विधि विभाग ने इस नए ट्रस्ट के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। सचिव और कोषाध्यक्ष संयुक्त रूप से ट्रस्ट के वित्तीय कार्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे।


भव्य मंदिर की रूपरेखा:

पुनौरा धाम में प्रस्तावित जानकी मंदिर का डिजाइन नोएडा की वही कंपनी तैयार कर रही है जिसने अयोध्या राम मंदिर का भी नक्शा बनाया था। मंदिर का निर्माण लगभग 151 फीट ऊंचा होगा। इसमें होंगे:

  • सुसज्जित प्रवेश द्वार

  • सीता वाटिका और लव-कुश वाटिका

  • परिक्रमा पथ

  • ध्यान केंद्र

  • आगंतुकों के लिए कैफेटेरिया, शौचालय, पार्किंग और बच्चों के लिए खेल क्षेत्र

  • एक पवित्र सरोवर (जनविश्वास अनुसार संतान प्राप्ति में सहायक)

राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए ₹120 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की है और लगभग 50 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा रही है।


मुख्यमंत्री ने रखी थी आधारशिला:

13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं इस भव्य परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस दौरान उन्होंने ‘राम-जानकी मार्ग’ के विकास की भी घोषणा की थी, जो अयोध्या से सीतामढ़ी को धार्मिक मार्ग के रूप में जोड़ेगा। भविष्य में इस मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाए जाने की भी योजना है।


राजनीति से जुड़ा महत्व:

यह परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि मिथिला क्षेत्र को एक नई पहचान भी देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि राम मंदिर के बाद जानकी मंदिर परियोजना को तेजी देने से राज्य में राजनीतिक और सांस्कृतिक संतुलन स्थापित करने का भी प्रयास हो रहा है, खासकर चुनावी वर्ष में।

Add a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use