शराबबंदी के बाद अधिकांश युवा पिकनिक मनाने निकल जातें हैं बिहार से बाहर
  • दो दिन पहले से ही सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, भेडेटार, कलिम्पोंग से लेकर गंगटोंक के लिए रवाना हो गए थे लोग

नेपाल से लौट कर ब्रजेश भारती : नेपाल और बंगाल की वादियों में रविवार को नए साल का जश्न मनाने कोसी क्षेत्र के हजारों लोग पहुंचे। नेपाल से सटे सहरसा, सुपौल, मधेपुरा और अररिया जिले के हजारों लोग पहली जनवरी की सुबह से शाम तक नेपाल के विभिन्न पर्यटन स्थलों का मजा लेते हुए शानदार तरीके से नये साल का आगाज किया। भीमनगर व जोगबनी बार्डर पर लंबी गाड़ियों का जाम लगा रहा।

नेपाल का प्रसिद्ध नमस्ते झरना

नेपाल स्थित कोसी बेराज के आसपास सैकड़ों की संख्या में लोग बनभोज करते नजर आए। सड़क किनारे अपनी अपनी गाड़ी पार्क कर खेत खलिहान में लोग पिकनिक मनाते रहे। हालांकि रविवार देर रात बहुत लोग पिकनिक मना लौट गए लेकिन कुछ युवा नेपाल अंदर की ओर रूख कर गए।

भेडेटार में जश्न मनाते लोग

बिहार में शराबबंदी पाबंदी के कारण नववर्ष पर नेपाल और बंगाल जाने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। नेपाल के विभिन्न इलाकों में स्थानीय दुकानदारों ने पहले से ही शराब और बीयर का पूरा इंतजाम कर रखा था। नेपाल बॉर्डर से अंदर पहुंचते ही लोगों का पहला पसंद वाइन ही रहा।

वहीं एक जनवरी को पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग में कोसिवासियों ने जमकर जाम छलकाया। बिहार के सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले की सैकड़ों गाड़ियां दिन भर बंगाल के सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग से लेकर सिक्किम के गंगटोंक, कलिम्पोंग में दौड़ती नजर आई। वही नेपाल में वाहनों की सड़क पर कड़ी जांच में कई बिहार के गाड़ियों का चलान भी कटा।

भेडेटार, एक मनमोहक तस्वीर

नेपाल के भेडेटार पहली पसंद : कोसी इलाके के लोगों के लिए नव वर्ष मनाने का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल नेपाल का भेडेटार रहा। सहरसा से लगभग दो सौ किलो मीटर की दूरी पर स्थित नेपाल के धनकुट्टा जिले में स्थित भेडेतार नेपाल के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। सहरसा से सैकड़ों किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के कलिंमपोंग में सहरसा, सुपौल और मधेपुरा के युवाओं की फौज दिन भर पहाड़ी माहौल में मजा लेते रहे‌।

ओसियन पार्क इन नेपाल

डीजे की धुन पर दिनभर करते रहे धमाचौकड़ी : नेपाल के भेडेटार चौक से लेकर विभिन्न पर्यटन स्पॉट पॉइंट पर डीजे की धुनों पर दिन भर धमाचौकड़ी करते रहे। कोसी इलाके के सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, बनगांव, आलमनगर, सिंहेश्वर आदि से पहुंचे युवाओं ने बताया कि बिहार में पर्यटन स्थलों की कमी है, शराबबंदी भी है। ऐसे में हमें नेपाल का रुख करना पड़ता है। लोगों ने भेडेटार के अलावे आठ किलो मीटर की दूरी पर स्थित नमस्ते झरना का भी खूब लुत्फ उठाया।

नेपाल जाने के लिए गाड़ियों का काफिला

नदी की रेत पर मनाया पिकनिक : सहरसा से पहुंचे युवाओं के ग्रुप में शामिल कई लोगों ने बताया कि वो 31 दिसंबर की रात ही नेपाल पहुंच गए और शनिवार को नमस्ते झरना देखने पहुंचे। नए साल से दो दिन पूर्व से ही कोसी बराज के निकट नए साल मनाने वालों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। कोसी बराज के बीच नदी की रेत पर भी नाव से पहुंचकर पर्यटक अपने परिजनों के साथ नए साल का लुत्फ उठाया।