नई कमेटी की पहली बैठक आयोजित, कई प्रस्तावों पर हुई चर्चा
  • सात सदस्यीय कमेटी में पूर्व मुखिया बनें न्यास समिति के अध्यक्ष

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) काफी जद्दोजहद बाद प्रखंड के चकभारो पंचायत स्थित प्रसिद्ध बाबा भुनेश्वर धाम मंदिर को धार्मिक न्यास समिति पटना से मान्यता मिल गई है। इसके साथ ही रविवार को नई कमेटी की पहली बैठक मंदिर प्रांगण में आयोजित की गई। बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा उपरांत ध्वनि मत से पारित किया गया।

नई कमेटी की पहली बैठक हुई : बाबा भुवनेश्वर धाम को न्यास परिषद के द्वारा अधिग्रहण कर लिए जाने के बाद समिति की पहली बैठक 4 दिसंबर रविवार को मंदिर परिसर में नई कमेटी के अध्यक्ष टंडन पुरुषोत्तम के अध्यक्षता में हुई। बैठक में कई प्रस्ताव पर चर्चा हुआ। जिसमें पूरे मंदिर परिसर को सीसीटीवी कैमरे से लैस किया जाएगा। वही मंदिर में बिजली लगाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया।

मंदिर परिसर में लगे वृक्ष की टहनी की छटाई किया जायेगा। इनके अलावे हनुमान मंदिर के बगल में अधुरे मंदिर का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। मंदिर की रंगाई एवं पोताई किया जायेगा। इसके साथ ही एक पुजारी जो नियमित रूप से मंदिर में पूजा पाठ करे, इसके लिए एक पुजारी को रखा जायेगा। मंदिर के अध्यक्ष टंडन पुरुषोत्तम ने बताया की अगले वर्ष शिवरात्रि में यहां भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

सात सदस्यीय नई कमेटी गठित : बाबा मटेश्वर धाम के बाद चकभारो स्थित बाबा भुवनेश्वर धाम को राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने मान्यता दी है। अब मंदिर के संचालन के लिए सात सदस्यीय न्यास समिति का गठन कर लिया गया है। जिसमें अध्यक्ष पद पर भटौनी पंचायत के पूर्व मुखिया टंडन पुरुषोत्तम, सचिव मनीष, कोषाध्यक्ष सुधीर कुमार, सदस्य वरिष्ठ पत्रकार अनिल कुमार वर्मा, भागवत प्रसाद मेहता, नवीन कुमार एवं रामदेव प्रसाद को बनाया गया है।

जिंदा शिवलिंग है बाबा भुवनेश्वर धाम में : सिमरी बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर पूरब चकभारो पंचायत स्थित भुवनेश्वर धाम मंदिर का शिवलिंग के संबंध में मान्यता है कि यहां जिंदा शिवलिंग है। श्रद्धालुओं का मानना है कि शिवलिंग का आकार शनै:-शनै: बढ़ रहा है।

ग्रामीण बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष के जनवरी माह में शिवलिंग की लंबाई मापी जाती हैं। प्रत्येक वर्ष इसकी लंबाई एक से डेढ़ इंच बढ़ती है। इसलिए लोग इसे जिंदा शिवलिंग मानते हैं। शिवभक्तों का मानना है कि भुवनेश्वर महादेव का जलाभिषेक करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सावन में यहां कांवरिया व डाक कांवरिया मुंगेर के छर्रापटी से गंगाजल उठाकर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। इस वर्ष सावन में करीब 10 हजार से अधिक कांवरियों ने भुवनेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया था।

यहां बताते चले कि सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र में कई ऐतिहासिक मंदिर है जो आदिकाल व पैराणिक दृष्ठिकोण से अति महत्वपूर्ण हैं। जिनमें एक नाम चकभारो पंचायत स्थित प्रसिद्ध बाबा भुनेश्वर धाम मंदिर भी हैं। चकभारो गांव के समीप करीब तीस फीट उंची टिले पर अवस्थित यह मंदिर शिव भक्तों के मुख्य आर्कषक का केन्द्र सावन मास में बना रहता हैं।

यहां स्थापित शिवलिंग की यह खासियत है कि प्रत्येक वर्ष अपनी लम्बाई व मोटाई में वृद्धि करता है। अभी वर्तमान में इस शिवलिंग की लम्बाई साढ़े तीन फीट व मोटाई करीब ढाई फीट हैं। ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर राजा भोज के काल में बनाई गई है। मंदिर के बगल स्थित पोखर की खुदाई के समय कई अष्ठधातू की मुर्ति मिली हैं।