अपर सचिव ने पेयजल की गुणवत्ता देख जमकर लगाई क्लास

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) बिहार सरकार हर घर नल का जल योजना के तहत हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए अथक प्रयासरत है। लेकिन जमीनी हकीकत पटना के निर्देशों से सीधे उलट है। जिसकी पोल गुरुवार को उस समय खुल गई जब नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर सचिव अचानक सिमरी बख्तियारपुर अंतर्गत गुदरी हाट स्थित जलमीनार स्थल पर पहुंच गए।

औचक निरीक्षण में जब अपर सचिव ने जलमीनार से निकली पानी देखी तो उन्होंने स्पष्ट रूप से इस्तेमाल लायक नही करार दिया।

जमकर लगाई क्लास : गुरुवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार सिमरी बख्तियारपुर पहुंचे। जहां उन्होंने नगर परिषद क्षेत्र के हटिया गाछी स्थित पानी टंकी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पानी टंकी से निकल रहे गंदा पानी देख कर आग बबूला हो गए। जिसके बाद वहां मौजूद कर्मी की जम कर क्लास लगाई।

उन्होंने अविलंब जलमीनार के मशीन में लगे फ़िल्टर को बदलने का निर्देश देते हुए कहा कि जहां – जहां नल कनेक्शन नहीं किया गया है, वहां एक सप्ताह के अंदर नल कनेक्शन कर नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया। वही पानी टंकी में मौजूद ऑपरेटर को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि शिकायत बुक हर हाल में मेंटेन रहे एवं ऑपरेटर को अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक करना है। ताकि कही भी किसी तरह की समस्या की सूचना दिया जा सके।

वहीं उन्होंने नगर परिषद कार्यालय के बगल में बन रहे कचड़ा प्रबंधक केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र, आश्रय स्थल एवं सरकारी स्कूलों का भी जायजा लिया एवं जहां – जहां नल जल कनेक्शन नहीं है वहां जल्द कनेक्शन करने का निर्देश दिया।

इस मौके पर सहरसा नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी आदित्य कुमार, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी केशव गोयल, नल जल योजना के जेई सुनील कुमार, स्वच्छता नोडल प्रभारी हसनैन मोहसीन, जेई नीतीश कुमार सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

ज्ञात हो कि नगर विकास विभाग ने नगर परिषद सिमरी बख़्तियारपुर में शुद्ध पानी सप्लाई के लिये 8 करोड़ 19 लाख 30 हजार रुपए निर्गत किया था। जिसका शिलान्यास 2016 में नवंबर महीने में मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव द्वार किया गया था। बिहार राज्य जल पर्षद के द्वारा पानी के टंकी एवं पाइप बिछाने सहित पानी सप्लाई का टेंडर निकाला गया था।

नालंदा इंडिकॉम प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर के द्वारा सिमरी बख़्तियारपुर का कार्य शुरू किया गया। गगनचुंबी टंकी, दो पम्प चेंबर एवं पाइप लाईन भी बिछ गया।‌ आवश्यक स्थानों पर जल स्तंभ भी  बनाया गया। लेकिन अभी तक शुद्ध पेयजल के नाम पर आयरन युक्त पानी ही सिमरी बख्तियारपुर वासियों को नसीब हुई है। अब देखने वाली बात होगी कि अपर सचिव के निरीक्षण बाद क्या शहर वासियों को शुद्ध पेयजल नसीब हो पाता है यहा फिर वही ढाक के तीन पात वाली कहानी चरितार्थ होगी।