परिजनों ने कहा अगर समय अगर मिल जाता एम्बुलेंस तो बचाई जा सकती थी जान
- सोनवर्षा राज क्षेत्र का मामला, विभागीय कर्मी की लापरवाही भी आई सामने
सहरसा/भार्गव भारद्वाज : सहरसा जिले का कोशी का पीएमसीएच कहलाने वाला सदर अस्पताल का बुरा हाल है। यहां समय पर रेफर मरीज के लिए एम्बुलेंस नहीं मिल पाता है, और मरीज की मौत हो जाती है। वहीं घटना में विद्युत कर्मी की लापरवाही सामने आई है।
उपरोक्त मामला सहरसा जिले के सोनवर्षा राज थानां अंतर्गत बिराटपुर गांव का है जहां आज शुक्रवार को लाइन मैन का बिजली करेंट की चपेट में आने से ईलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत हो गयी।
घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार लाइनमैन बिजली ठीक करने के दौरान करंट की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक का नाम सुमन कुमार सिंह है जो सोनवर्षा राज थानां क्षेत्र के देहद गांव का रहने वाला बताया जा रहा है। शुक्रवार को बिराटपुर स्थित पावर हाउस गया था बिजली ठीक करने के दौरान बिजली करेंट की चपेट में आने से झुलस गया। जिसे आनन फानन में नजदीक के पीएचसी ले गया जहां डॉ ने बेहतर इलाज के लिए सहरसा रेफर कर दिया।
वहीं इस घटना को लेकर मृतक का पुत्र मिठू ने बताया कि शुक्रवार को मेरे पापा बिराटपुर पावर हाउस गए थे बिजली ठीक करने उसी दौरान करेंट लग गया।उसके बाद हमलोग नजदीक के पीएचसी ले गए जहां डॉक्टर ने बेहतर इलाज के लिए सहरसा सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
मृतक के पुत्र ने ये भी बताया कि सदर अस्पताल सहरसा से भी डीएमसीएच रेफर किया गया लेकिन एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं सका। उन्होंने बताया कि तीन से चार घंटे तक एम्बुलेंस उपलब्ध नही सका और मेरे पिताजी की तड़प तड़प कर मौत हो गयी।
वहीं बताया जाता है कि जब लाइनमैन सुमन बिजली ठीक कर रहा था इसी दौरान विद्युत चालू कर दी गई। विभाग के कर्मी पर विद्युत चालू करने की बात कही जा रही है। अब देखने वाली बात होगी कि इस मौत की जिम्मेदारी किसके सिर आता है या जांच के नाम पर लीपापोती कर दी जाती है।
वहीं समय से एम्बुलेंस नहीं मिलने से रेफर मरीज की मौत मामले में कोशी के पीएमसीएच कहलाने वाले अस्पताल प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने के दावों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। अब देखने वाली बात होगी आगे इस मामले में क्या होता है।