सरकारी चावल की कालाबाजारी की सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाई
  • बीएसओ मामले की छानबीन में जुटी, हरियाणा नं की गाड़ी से भेजा जा रहा है अरवा चावल

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) निज संवाददाता। 18 चक्का हरियाणा नंबर की एक ट्रक से सरकारी अरवा चावल की कालाबाजारी होने की सूचना पर बख्तियारपुर थाना पुलिस ने एनएच 107 रंगिनियां के समीप से ट्रक को जब्त कर चालक को हिरासत लिया है। वहीं मामले की जानकारी बख्तियारपुर पुलिस ने बीएसओ केशव कुमार को देते हुए अग्रतर कार्रवाई करने की जानकारी दी।

वहीं बख्तियारपुर पुलिस की सूचना पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी केशव कुमार (बीएसओ) सिमरी बख्तियारपुर थाना पहुंच जब्त ट्रक का तिरपाल खोल चावल व बोरा को देख जांच शुरू कर दिया। वहीं बीएसओ हिरासत में लिया गए ट्रक ड्राइवर से पुछताछ शुरू कर दिया है।

बीएसओ ने बताया कि ट्रक में अरवा चावल है पुरे मामले की छानबीन की जा रही है। वहीं इस संबंध में बख्तियारपुर थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बताया कि बीएसओ को जांच कर अग्रतर कार्रवाई के लिए कहा गया है उनके द्वारा दिए जाने वाले रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पहली बार इतनी मात्रा में पकड़ में आया अरवा चावल : आए दिन डीलर द्वारा कालाबाजारी करने की नियत से बेचे गए अरवा चावल पकड़ाया करता है लेकिन उसकी मात्रा दस बीस क्विंटल में होती है आए दिन पकड़ाए चावल पर केस भी दर्ज होता है लेकिन पहली बार टन में चावल पकड़ाया है। वो भी 18 चक्का ट्रक में।

हरियाणा भेजा जा रहा था अरवा चावल : जिस एचआर 46 डी 7205 नं 18 चक्का ट्रक को पुलिस जब्त किया है वह हरियाणा के लिए चावल लोड किया था। ट्रक ड्राइवर उत्तर प्रदेश के फैजाबाद निवासी वसीद अहमद ने बताया कि *******085 नं से फोन कर खाद्यान्न लोड करने की बात बताएं गए पते पर आने को कहा गया जिस पते पर पहुंच रानीबाग में ट्रक में चावल लोड किया।

उसके बाद बनमा ईटहरी के तेलियाहाट बाजार गया वहां भी गाड़ी में और चावल लोड कर रस्सी व तिरपाल से बांध कांटा कराने रानीबाग आया तो वहां पुलिस पहुंची तो उन्होंने पुछा क्या लोड है उन्होंने चावल लोड होने की बात कही और पुलिस ने गाड़ी लेकर थाना लाया।

बड़े पैमाने पर हरियाणा जा रहा है अरवा चावल : सूत्र बताते हैं कि सरकार द्वार गरीबों को मुफ्त में खाद्यान्न दिया जा रहा जिसमें गेहुं और अरवा चावल दी जाती है। अरवा चावल तो खाने योग्य नहीं होता है इसलिए उसे छोटे छोटे बिक्रेताओं को बेच दिया जाता है। छोटे छोटे बिक्रेता चावल को गद्दी दुकानदार के पास बेच देता। जब तीन चार गद्दी दुकानदार के पास अधिक मात्रा में चावल स्टाक हो जाता है तो वह अन्य प्रदेश को लोड करने वाले लोडर के हाथों चावल बेच देता है।

डीलर भी करते हैं खाद्यान्न की कालाबाजारी : चुंकि सरकार द्वारा डीलर के माध्यम से गरीबों को दिए जाने वाले खाद्यान्न में अरवा चावल की क्वालिटी खाने योग्य नहीं है और कोई खाना भी नहीं चाहता है इसलिए लाभूक भी डीलर को अगूठा लगा चालव डीलर को ही छोड़ रूपए ले लेता है। सुत्र बतातें हैं कि लाभूक उस रूपए से उसना चावल खरीद उसे खाते हैं।

डीलर के पास इस प्रकार अरवा चावल का स्टाक लाभूक के हिसाब से खत्म हो जाता है। लेकिन अरवा चावल जो स्टाक हो जाता है उसे वह गद्दी दुकानदार को बेच देता है।

10 से 13 रूपए किलो का होता भाव : सूत्र बताते हैं कि डीलर लाभूक को 07 रूपए से लेकर 9 रूपए प्रति किलो का रेट देकर पॉस मशीन में अंगूठा लगा लेते हैं। वहीं चावल को वह गद्दी दुकानदार को 10 रूपए से लेकर 13 रूपए प्रति किलो की दर से बेच देते हैं। गद्दी दुकानदार उस चावल को लोडर के हाथों 15 से 16 रूपए प्रति किलो बेच देते हैं।