सहरसा – खगड़िया सीमावर्ती क्षेत्र आगर-दह के बीच कोसी की उपधारा में बना चचरी पुल
  • चार लाख की लागत से एक माह में तैयार 15 सौ बांस से बना है 350 मीटर चचरी पुल

ब्रजेश भारती, सहरसा : यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि जिस नेता को जमीन से उठा राजनीतिक की उस बुलंद उचांईयों पर कोसी दियारा की जनता ने काबिल कर देश के राजनीति मानचित्र पर सदा-सदा के लिए स्थापित कर दिया, उस क्षेत्र की जनता को आज भी उसकी पत्नी चचरी पुल का उद्घाटन कर सौगात प्रदान करती है तो यह क्षेत्र का दुर्भाय नहीं तो और क्या है।

फोटो क्रेडिट, लोकल न्यूज एप

जी, हां हम बात कर रहे हैं खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के शहरबन्नी गांव निवासी दिबंगत केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की। जिस क्षेत्र से उठकर देश की मानचित्र पर अपना व अपने पुत्र को स्थापित कर दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन आज भी उनके जन्म स्थल क्षेत्र का इलाका चचरी पुल के सहारे आवागमन करता हो तो यह विडंबना नहीं तो और क्या है।

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पश्चिमी कोसी तटबंध के अंदर स्थित दिवंगत नेता का गांव खगड़िया-सहरसा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित शहरबन्नी सहित आसपास का इलाका खगड़िया जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय से तो जुड़ गया लेकिन सहरसा जिला मुख्यालय व सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल मुख्यालय से जुड़ना आजादी के अमृत काल तक अधुरा है। दिवंगत होने के बाद रामविलास पासवान ने अपने पुत्र को राजनीतिक में स्थापित तो कर दिए लेकिन क्षेत्र के विकास में वो मील का पत्थर नहीं ठोक सके कि यहां की जनता कहें, तूसी ग्रेट हो….

चचरी पुल का उद्घाटन करती राजकुमारी देवी

ख़ैर, मंगलवार को पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के अंदर सहरसा और खगड़िया जिले की सीमा के बीच बहती कोसी की उपधारा में 4 लाख रुपए की लागत से 350 मीटर लंबा बांस से निर्मित चचरी पुल का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी ने फीता काट किया। इस पुल के बन जाने से 6 से 8 माह तक 50 गांवों व टोले-मुहल्ले के 50 हजार से अधिक आबादी को आवागमन में सुविधा मिलेगी।

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चचरी पुल बन जाने से सहरसा जिले के धनुपरा कठडूमर, घोघसम, बेलवाड़ा एवं खगरिया जिले के मोहराघाट, शहरबन्नी, चेराखेरा, अलौली के अन्य पंचायत एवं दरभंगा जिला के तिलकेश्वर कुशेश्वरसन स्थान सहित अन्य स्थानों के आबादी को सीधा फायदा मिलेगा।

दिवंगत केन्द्रीय मंत्री की पहली पत्नी राजकुमारी देवी

वहीं उद्घाटन के मौके पर दिवंगत केन्द्रीय मंत्री की पहली विधवा पत्नी राजकुमारी देवी ने कहा कि जो काम मेरे साहब ने पुरा नही किया वह काम मेरा पुत्र चिराग पुरा करेगा। अब देखने वाली बात होगी कि एलजेपी (पासवान गुट) के संरक्षण चिराग पासवान पिता के अधुरे सपनों को पूरा करते हैं या फिर सिर्फ जयंती व पुण्यतिथि पर श्रद्धा के फूल अर्पित करने पिता की जन्मभूमि को याद करते हैं।

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