साढे चार क्विंटल से अधिक गांजा हुआ था बरामद, महिषी थाना कांड 245/17 में हुई सजा
  • अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में 6 महीने और कारावास काटनी पड़ेगी

सहरसा/भार्गव भारद्वाज : नशे के कारोबारियों पर जिला पुलिस प्रशासन का शिकंजा बढ़ता जा रहा है। आए दिन नशे के कारोबारियों के अड्डे पर छापामारी कर नशा में प्रयुक्त सामानों की बरामदगी लगातार की जा रही है। वहीं न्यायालय द्वारा नशे के कारोबारियों को सजा दिलाने की भी प्रक्रिया त्वरित गति से की जा रही है।

सांकेतिक चित्र

इसी कड़ी में शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गाजा तस्करी मामले में एक अभियुक्त को 11 वर्ष की कठोर श्रम की सजा सुनाया है। वहीं उन्हें डेढ़ लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है और अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में 6 महीने की अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।

एसपी लिपि सिंह के निर्देश पर हेड क्वार्टर डीएसपी एजाज हाशिम मणि ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शुक्रवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक राज द्वारा महिषी थाना कांड संख्या 245/2017 में मुख्य अभियुक्त महिषी थाना क्षेत्र के राजनपुर गांव निवासी सोनेलाल साह के पुत्र गोपी साह को सजा सुनाया है।

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जिसमें न्यायाधीश द्वारा धारा 22 बी एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत मुख्य अभियुक्त गोपी साह को दोषी पाते हुए 11 वर्ष कठोर कारावास एवं 1 लाख 50 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाया है। अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त 6 महीने का कारावास भुगतना पड़ेगा।

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बताते चलें कि उपरोक्त घटना में 467 किलोग्राम बरामदगी हुई। वर्ष 2017 में जिला पुलिस द्वारा छापामारी कर आरोपी के घर से बोरे में बंद गांजा बरामद किया था। वही अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक बिंदेश्वरी प्रसाद यादव द्वारा पक्ष रखा गया। उक्त मामला त्वरित विभाग के अंतर्गत चल रहा था। जिसमें आज सजा सुनाई गई है।

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