आजादी के सात दशक बाद भी नाव से आवागमन करने को मजबूर ग्रामीण
- एक अदद पुल के लिए क्यों ठगे जा रहे हैं ग्रामीण, पढे़ं विस्तृत रिपोर्ट :
ब्रजेश भारती : भारत अपनी आजादी का का अमृत महोत्सव मना रहा है। बिहार में डबल इंजन की सरकार विकास का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन आज भी ऐसे गांव, टोला, कस्बा है जहां आने जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। अगर ये काम आज भी हो रहा है तो फिर विकास की बात करना बेमानी होगी।
जी हां, हम बात कर रहे हैं खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के कैंजरी पंचायत स्थित काली कोसी नदी में एक अदद आरसीसी पुल निर्माण की। आज नहीं बल्कि वर्षो से यहां के ग्रामीण कैंजरी घाट पर पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं लेकिन सभी जन प्रतिनिधि इसे चुनावी मुद्दा बना जनता को ठगने का काम किया है।
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कैंजरी घाट पर नाव निर्माण के संबंध में जब हमारी बातें वहां के कई राजनीतिक में सक्रिय लोगों से होती है तो जब वें पुल निर्माण के संबंध में बतातें है तो लगता है आज भी एक अदद आरसीसी पुल विकास के नाम पर बड़ी बात है। आज देश में हजारों लाखों करोड़ों की लागत से सड़क, पुल, एक्सप्रेस हाईवे बन रहें हैं तो एक अदद पुल क्यों नहीं बन सकता है।
जानकार सुत्र बतातें हैं कि पुल तो चंद दिनों में बन जाएगा लेकिन सहरसा में रेल ओवर ब्रिज की तरह इस में राजनीतिक अरंगा सामने आ जाती है। जबकि कैंजरी घाट पर पुल निर्माण से माली चौक से कैंजरी घाट होते हुए बनमा ईटहरी प्रखंड एवं सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ का सीधा जुड़ाव हो जाएगा। एक बड़ी आबादी को सीधा लाभ होगा। इतना ही नहीं वर्षों से दो भागों में विभक्त कैंजरी एक हो जाएगा।
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इतना कुछ लाभ मिलने के बाद भी यहां पुल निर्माण नहीं होना बड़ा दुखद लग रहा है। वहीं इस संबंध में रविवार को कैंजरी पश्चिम पार ठाकुरबाड़ी के प्रांगण में ग्रामीणों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कैंजरी पंचायत के सरपंच पति चंदन कुमार चौधरी और संचालन कैंजरी पंचायत समिति सदस्य राजीव पंडित ने किया।
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बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि वर्षों से कैंजरी घाट पर आरसीसी पुल का आश्वासन स्थानीय विधायक व स्थानीय सांसद द्वारा कई बार दिया गया। लेकिन सभी के आश्वासन बाद भी पुल नहीं बनना दुर्भाग्य की बात है। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कैंजरी जानें आनें में छात्रों को नाव का सहारा आज भी लेना पड़ता है। काली कोसी नदी पार करने में कई बार नदी में नाव डुबने से हादसा हो चुका है। लेकिन अब पुल नहीं बनना दुखद है। कई लोगों ने पुल निर्माण की दिशा में आर पार की लड़ाई शुरू करने की बात कही।
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