आरपीएफ करीब 30 हजार के 20 रेल टिकट को किया बरामद
  • निजी आईडी पर टिकट काट कर लोगों को ऊंची कीमत पर करता था मुहैया

सहरसा / भार्गव भारद्वाज : जिले के बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पटौरी बाजार स्थित एक वसुधा केंद्र में रेल टिकट दलाली का गोरखधंधा करते संचालक संतोष कुमार को आरपीएफ की टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया है। जिनके केंद्र की जांच करने पर पुराने कटे हुए कुल 20 रेल टिकट बरामद किया गया। जबकि आगामी दिनों के भी कुल 2 रेल टिकट बरामद किया गया है। जिनकी कुल कीमत 32 हजार रुपए आंकी गई है।

आरपीएफ को छापामारी में उक्त केंद्र से मिली सभी टिकट लंबी दूरी की ट्रेनों के मिले है। जिसके बाद रेल टिकट को जब्त करते हुए वसुधा केंद्र संचालक 22 वर्षीय संतोष को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ आरपीएफ ने मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है। वहीं उनके केंद्र से जब्त किए गए लैपटॉप को एक्सपर्ट द्वारा खंगाला जा रहा है। जिससे उनके द्वारा पूर्व में किए गए गोरखधंधा की पोल खुल सके।

लंबी दूरी के ट्रेन में टिकट नहीं मिलने से लोग देते दलाली की मोटी रकम

कैसे होती है रेल टिकट की अवैध कारोबार – रेल यात्रियों को आरक्षण केंद्र पर पहुंचकर टिकट आरक्षण करने की रस्साकशी से बचाने के लिए रेलवे द्वारा कई सुविधाएं प्रदान की गई है। जिससे लोगों को घर बैठे पर्सनल यूजर आईडी से अपना रेल टिकट आरक्षण करने की सहूलियत प्रदान की गई है। जिसके तहत रेलयात्री घर बैठे अपना आरक्षण करवा सकते है।

लेकिन रेलवे के इसी नियम का साइबर कैफे और वसुधा केंद्र संचालक गलत फायदा उठाते हैं। वे अपना निजी यूजर आईडी पर लोगों के नाम से आरक्षित टिकट को बुक करवा कर कई गुना अधिक कीमत वसूलते हैं। जिससे दलाली की धंधा जोरों पर चलता है। वही साइबर कैफे संचालक अपने अलावे कई फर्जी नामों से भी कई यूजर आईडी को जनरेट कर उससे भी संक्षिप्त नामों वाले रेल टिकट को बुक करवा कर उसकी दलाली करते हैं। जिसमें उन्हें मोटी रकम मिलती है।

क्या मिला संतोष के वसुधा केंद्र से – प्राप्त जानकारी के मुताबिक संतोष की पटोरी बाजार में वसुधा केंद्र के नाम से दुकान है। संतोष कई दिनों से पर्सनल यूजर आईडी से रेल टिकट दलाली का काम कर रहा था। वे लगातार टिकट की दलाली कर रहे थे। जिसकी गुप्त सूचना आरपीएफ को मुखबिर से मिली थी। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी संभव हुई।

टीम में कौन-कौन थे शामिल – आरपीएफ की टीम इंस्पेक्टर वंदना कुमारी के नेतृत्व में गठित थी। जिसमें सब इंस्पेक्टर रवि रंजन कुमार, सहायक उपनिरीक्षक वशिष्ठ कुमार प्रधान, आरक्षी सुरेंद्र कुमार रजक, जितेंद्र कुमार, निखिल कुमार शामिल थे।

संक्षिप्त नाम के कारण नहीं होती ट्रेन में जांच – चूंकि रेल आरक्षण में टिकट में दलाल कई सावधानी बरतते हैं। वे लोगों के संक्षिप्त नाम जैसे आर कुमार, एम कुमार आदि नाम डालकर टिकट का आरक्षण करा लेते हैं। जिस का पूरा नाम रंजन कुमार और राकेश कुमार भी हो सकते हैं। जिसके कारण ट्रेन में मौजूद टीटीई उक्त टिकट को अवैध घोषित नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण दलाली का धंधा जोरों पर चलता रहता है।

जनवरी से अब तक 4 से अधिक रेल टिकट दलाल आ चुके हैं आरपीएफ के गिरफ्त में – जनवरी से मार्च महीने तक की बात करें तो आरपीएफ द्वारा कुल 4 जगहों से टिकट दलाली करते साइबर कैफे संचालक और वसुधा केंद्र संचालक को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनसे लाखों रुपए के सैकड़ों अवैध रेल टिकट को भी जब्त किया गया है।

क्या-क्या हुआ जब्त – वसुधा केंद्र में छापामारी कर जहां नए और पुराने तारीख के कुल 22 आरक्षित टिकट बरामद किए गए है। जिनमें पुराना आरक्षित टिकट का कुल मूल्य 30 हजार 910 रुपए है। वही शनिवार के दिन के 2 टिकट 1 हजार 880 रुपए है।

क्या कहते है आरपीएफ इंस्पेक्टर – आरपीएफ इंस्पेक्टर बन्दना कुमारी ने बताया कि संतोष को आईआरसीटीसी से रेल टिकट बनाने का कोई लाइसेंस नहीं मिला था। वे कई दिनों से रेल टिकट की दलाली कर रहे थे। उनके यहां से लगभग 32 हजार के कुल 22 रेल टिकट बरामद किए गए हैं। लैपटॉप जब्त हुआ है। जांच की जा रही है।

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