नवम्बर 2019 में पिता सत्तो यादव की भी अपराधियों ने कर दी थी हत्या
  • सोनपुर मेले में तत्कालीन एसटीएफ एसपी शिवदीप लांडे के निर्देश पर चढ़ा था एसटीएफ के हत्थे

सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) ब्रजेश भारती : सहरसा – दरभंगा सीमावर्ती क्षेत्र के तिलकेश्वर में कोसी के कुख्यात काजल यादव को गोली मार हत्या कर दी गई। मंगलवार को घटित यह घटना उस समय घटी जब काजल यादव दरभंगा जिले के तिलकेश्वर थाना क्षेत्र के बुढ़िया सुकराती स्थित जलकर पर था। इधर घटना के बाद विभिन्न तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। दियारा में सनसनी मची हुई है। हत्या किसने की इस बात की चर्चा हो रही है।

● छोटी – सी उम्र से अपराध में रखा कदम : कोसी दियारा का दुर्दांत अपराधी काजल यादव 16 वर्ष की उम्र से ही अपराध जगत में उतर गया था। उसने पुलिस को दिये बयान में इस बात का खुलासा किया था कि वो अपनी पैतृक संपत्ति को बचाने को लेकर छविलाल गिरोह में शामिल हुआ था। 2015 में पुलिस को काजल ने बताया था कि उसके पिता सत्तो यादव पहली बार पंचायत के मुखिया के लिए चुने जाने के बाद मुंगेर के जमींदार से 40 एकड़ जमीन खरीदे थे।

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जिसमें से 20 एकड़ जमीन पर रामानन्द पहलवान ने कब्जा जमा लिया। उनके पिता ने पहलवान से खेत छोड़ने का आग्रह किया गया तो उनकी 20 से ज्यादा भैंस खोल लिया। इन्हीं सब बातों से विचलित होकर रामानन्द के विपक्षी छबिलाल यादव के साथ मिल गये और इस दलदल में फंस गये। वैसे उसने दर्ज चार हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता से इंकार किया। लेकिन हथियार रखने व अपराधियों से सांठगांठ रहने की बात पर चुप्पी साध ली थी।

बाद में दियारा इलाके में नक्सली हलचल के बाद रामानंद व काजल में सुलह हो गया था। वर्ष 2004 में रकटी में पुलिस व नक्सलियों में हुई गोलीबारी के दौरान दोनों अपराधियों ने पुलिस के पक्ष में काम किया।

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● 2019 में पिता की हुई थी हत्या : कुख्यात काजल यादव के पिता सत्तो यादव की 2019 के नवम्बर महीने में अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी।‌सहरसा – दरभंगा जिले के सीमा क्षेत्र दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान के तिलकेश्वर ओपी क्षेत्र में ट्रैक्टर से खेत की जुताई करवाने के दौरान अज्ञात अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था। सत्तो यादव का गाँव महिषी थाना क्षेत्र के राजनपुर पंचायत के धनौजा धर्मपुर था। सत्तो यादव पर भी हत्या, लूट, अपहरण के कई मामले दर्ज थे।

सोनपुर मेले में चढ़ा था एसटीएफ के हत्थे : कुख्यात काजल यादव को एसटीएफ की एसओजी वन टीम ने सोनपुर मेल में गिरफ्तार किया था। एसटीएफ काजल को उस वक्त दबोचा जब वह थियेटर देखकर बाहर निकल रहा था। दरअसल वह मेला में घाेड़ा खरीदने गया था। लेकिन दाम नहीं पटा। फिर वह रात में थियेटर देखने चला गया। जिसके बाद थियेटर से निकलने के दौरान गिरफ्तार कर लिया था।

सहरसा जिला के महिषी थाना के धन्नो, धर्मपुर गांव निवासी काजल पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। उस पर सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया के विभिन्न थानों में हत्या, डकैती, अपहरण, लूट, रंगदारी समेत 22 संगीन मामले दर्ज हैं। एसटीएफ ने काजल को सहरसा पुलिस के हवाले कर दिया था। गिरफ्तारी के बाद काजल ने बताया था कि वह दियारा में रहकर मछली व नदी घाट का ठेका लेता है।

फोटो लेकर गई थी एसटीएफ : 15 दिनों से एसटीएफ की टीम उसके पीछे लगी थी। वह बार-बार ठिकाना बदल रहा था। इसी बीच एसटीएफ एसपी शिवदीप लांडे को जानकारी मिली थी कि वह सोनपुर मेला में आया है। उन्होंने एसटीएफ एसओजी के जवानों को उसका फोटो देकर सोनपुर भेजा। मेले में वह घोड़ा खरीदने पहुंचा था। लेकिन एसटीएफ के आने से पहले ही वह वहां से निकल गया। रात 12 बजे उसके बारे में पता चला कि वह थियेटर देखने गया है। एसटीएफ थियेटर के अंदर नहीं गई वह इसलिए कि वहां अफरातफरी मच सकती थी। गेट पर टीम उसके आने का इंतजार करती रही। जैसे ही वह बाहर निकला, उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

सोनपुर में गिरफ्तारी के समय काजल यादव, फाइल फोटो

पट्टीदारों की हत्या की थी : सोनपुर मेला में गिरफ्तारी से तीन साल पहले अपने गांव में ही जमीन विवाद में काजल ने अपने दो पट्टीदारों की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद से वह फरार चल रहा था। सहरसा पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए कई बार उसके घर से लेकर संदिग्ध अड्डों तक छापेमारी की लेकिन वह नहीं मिला। वह दियारा में ही रहकर खेती बाड़ी के साथ घाट व जलकर जोतने का काम करता था।

पत्नी महिषी से निर्विरोध उपप्रमुख निर्वाचित : काजल हाल के दिनों में अपराध जगत से अलग रहने की बात कही थी। वो राजनीति में आ गए थे। महिषी प्रखंड से पहले पत्नी को निर्विरोध पंचायत समिति सदस्य पद के लिए निर्वाचित करवा फिर प्रखंड उपप्रमुख बना दिया था। काजल की हत्या के बाद दियारा में आपसी गैंगवार की संभावना तेज हो गई है।