• नवयुवक संघ एवं एनएसयूआई सहरसा के द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर स्व. मिश्र किया गया याद

सहरसा/भार्गव भारद्वाज : कोसी के महान स्वतंत्रता सेनानी सह दिग्गज कांग्रेसी नेता स्व. ललित नारायण मिश्र की आज 99 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर सहरसा सहित अन्य स्थानों पर स्व. मिश्र को याद किया गया वहीं उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि दी गई। सहरसा के नवयुवक संघ एवं एनएसयूआई ने कार्यक्रम आयोजित कर जयंती मनाई।

ललित नारायण मिश्र, फाइल फोटो

जिले के जिला परिषद स्थित पाठशाला किरण एकेडमी प्रांगण में नवयुवक संघ द्वारा कोशी के महान चिंतक स्व. ललित नारायण मिश्र की जयंती मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता धीरज कुमार लालू व संचालन कुमार गौरव ने किया। स्व. ललित बाबू के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए जद यु जिलाध्यक्ष चंद्रदेव मुखिया ने कहा कि ललित बाबू कोशी के महान विभूति थे। उनका नाम स्वर्णिम अक्षर में कोशी के इतिहास में लिखा है।

वरीय नेता अक्षय झा ने से कहा कि ललित बाबू कोशी के मर्मज्ञ ही नहीं थे अपितु समाज के लिए किए गये वृत के लकीर को स्वर्णिम स्वरूप देने का भी कार्य किये। धीरज कुमार लालू ने कहा कि ललित बाबू उत्तर बिहार के शिल्पकार थे। वे अपने राजनीती जीवन में जितना विकास को खिचने का काम किया अपितु अपने अधूरे कुछ कामों को कर पाना वर्तमान राजनीत काल में सूर्य को दीपक दिखाने जेैसा काम होगा।

इस अवसर श्रीकांत झा, केशव चौधरी, विद्यालय संचालक सी एम झा, शिवम झा, मो. कमाल, राज अर्यन, नारायण जी, शालू ठाकुर सहित कई मौजूद रहे।

वहीं एनएसयूआई द्वारा स्थानीय कांग्रेस कार्यालय में स्वतंत्रता सेनानी सह कांग्रेस के दिग्गज नेता ललित नारायण मिश्रा जी के 99वीं जयंती मनाया। एनएसयूआई सहरसा के जिला कार्यकारी अध्यक्ष आलोक राज के अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में स्वर्गीय ललित बाबू के तश्वीर पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ए आई सी सी सदस्य डॉ तारानंद सदा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ललित नारायण मिश्रा एक सच्चे विकाश पुरुष थे मिश्रा जी छात्र जीवन से ही राजनीति में रुचि रखते थे हालांकि उस परिवार में पंडित राजेन्द्र मिश्र पहले से ही सक्रिय थे और प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष भी थे परंतु ललित नारायण मिश्रा बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे, इंद्रा जी मंत्रीमंडल में एक सशक्त मंत्री के भूमिका का निर्वहन करते थे। खासकर रेल मंत्री एवं विदेश राज्यमंत्री के रूप में एक अमिट छाप छोड़े थे।

पूरे बिहार एवं खासकर मिथिलांचल और कोशी क्षेत्र को जोड़ने के लिये उन्होंने रेल मंत्रालय को जोड़ने हेतु जो कार्य शुरू किए थे जो अब तक शुरू नही हुआ है, सहरसा को प्रमंडल का दर्जा दिलाने में उनकी महती भूमिका थी, कोशी को भारत के मानचित्र के पटल पे रखने वाले एक मात्र नेता थे, शिक्षा, रोजगार एवं बिहार में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के निर्माण में उनकी बहुत बड़ी भूमिका थी, बिहार के प्रति उनका समर्पण अंतिम क्षणों में दिखा था।

दुघर्टना से पहले सभा को संबोधित करते हुए ललित बाबू कहे थे मैं रहु या ना रहु बिहार बढ़ कर रहेगा…। मौके पे कांग्रेस जिलाध्यक्ष विधानंद मिश्रा, युवा कांग्रेस सहरसा जिलाध्यक्ष सुदीप कुमार सुमन, मृणाल कामेश, अमित कन्हैया, डाक्टर संजीव कुमार, रामसागर पांडे, भरत झा, वीरेन्द्र पासवान, रवि यादव, पप्पू कुमार मौजूद रहे।