डीआईजी शिवदीप लांडे ने एसपी की मौजूदगी में प्रेस वार्ता कर मामले से कराया अवगत

सहरसा / भार्गव भारद्वाज : कोसी रेंज के डीआईजी शिवदीप लांडे और सहरसा एसपी लिपि सिंह ने संयुक्त रूप से एसपी कार्यालय वेश्म में प्रेस वार्ता आयोजित कर सोशल मीडिया पर बीते दिनों अपलोड किए गए एक भ्रामक वीडियो को लेकर विस्तृत जानकारी साझा किया है। उक्त वीडियो विशेष न्यूज पोर्टल के पत्रकार प्रशांत झा द्वारा फेसबुक पर लगाया गया था। जिसमें एक विशेष समुदाय द्वारा किए जा रहे मारपीट के वीडियो को सरस्वती पूजा के दौरान जारी किया गया था। जिससे धार्मिक सौहार्द बिगड़ने की भी अंदेशा व्यक्त की जा रही थी। जिसको लेकर उनके ऊपर एफआईआर दर्ज होने की जानकारी उपलब्ध कराया गया।

उन्होंने बताया कि सरस्वती पूजा के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से एक पोस्ट डाला गया था। जिसमें उन्हें पता चला कि उक्त वीडियो सरस्वती पूजा के दौरान काफी चर्चा में रहा था।

क्या लिखा गया था पोस्ट में – उन्होंने आगे बताया कि उक्त वीडियो में लिखा गया है कि – वीडियो सहरसा का है। जहां कानून व्यवस्था को संभालने शिवदीप लांडे और एसपी लिपि सिंह तैनात है। पर कानून व्यवस्था का इससे बेहतर उदाहरण आपको कहीं नहीं मिल सकता। क्योंकि बिहार में सुशासन है। वीडियो पतरघट प्रखंड के लोहाना गांव का है। वीडियो लोमहर्षक है। है ना सर ?

73 लोगों ने किया शेयर – उसे चेक किया गया। इसको ऐड किया गया था बिहार पुलिस और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को।

किसने डाला था पोस्ट – उन्होंने बताया कि उक्त पोस्ट प्रशांत झा नामक व्यक्ति द्वारा डाला गया है। सरस्वती पूजा के दौरान जब यहां पर पूरी तरह और मजबूती के साथ पुलिस तैनात थी। उसी दौरान इस तरह का वीडियो डाला गया और।

क्या है वीडियो में – उन्होंने आगे कहा कि यह 1 मिनट 41 सेकंड के वीडियो में आप देखेंगे कि किसी एक विशेष समुदाय को दिखाया गया है। जो मारपीट कर रहा है। सरस्वती देवी फेस्टिवल के दौरान किसी विशेष समुदाय को टारगेट करना और जो लोहाना गांव है। वह संवेदनशील गांव है। वीडियो को पोस्ट करना और हमारे नाम के साथ अटैच करना। कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करना।

वीडियो की गई जांच – उन्होंने कहा कि जब यह बात हमारे संज्ञान में आई। सबसे पहले इस वीडियो की जांच पड़ताल की गई। बीते 3 जनवरी जब से उन्होंने चार्ज लिया। उस दिन से अब तक इस तरह की कोई भी सूचना उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। एसपी से जांच कराई गई। यह भ्रामक सूचना है। जिला के शांतिपूर्ण वातावरण में एक अव्यवस्था दिखाने की कोशिश करना। यह हमारे लिए शॉकिंग न्यूज़ था।

विधि सम्मत की गई कार्रवाई – इसलिए जो फेसबुक पर पोस्ट किए या सांझा किया उसके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई के लिए उन्होंने लिखा। जिसके बाद एसपी लिपि सिंह द्वारा विधिवत कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज किया गया। जब कोई फेस्टिवल आता है, तो सोशल मीडिया पर इसे सर्कुलेट किया जाता है।

तीन शेयर से 41 सौ लोगों तक पहुंचा वीडियो – उन्होंने बताया कि अगर वीडियो को तीन लोगों ने शेयर किया है। सोशल मीडिया का ट्रेड है। अगर आप एक वीडियो 2 लोग शेयर करें । फिर उनके भी 2 लोग शेयर करते हैं। यह चेन 64 लोगों के पास जाता है। और जब लोग 64 लोग से यह शेयर करेंगे तो 41 सौ लोगों के पास पहुंच जाती है। जो काफी खतरनाक है। यह निश्चित ही अपराध की श्रेणी में हैं। उसके खिलाफ कार्रवाई सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिला पुलिस बल को सीरियस लेती है।

उन्होंने बताया कि डिटेल निकालना जारी है। लेकिन पता चला है कि यह कोई न्यूज़ पोर्टल चलाते हैं। न्यूज़ पोर्टल के साथ-साथ पत्रकारिता से भी जुड़े हुए है। उनका पक्ष भी जाना जाएगा। जांच जारी रहेगी। जो इसे कॉस्ट शेयर भी किया था। जो लोग हैं। बिना ऑथेंटिसिटी के इस तरह के भ्रामक वीडियो को शेयर किए हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने जा रहे हैं। उन्हें भी सम्मन किया जाएगा। उनका भी पक्ष बनाया जाएगा।

सोसल मीडिया की खबरें अच्छी और बुरी भी है – उन्होंने कहा कि किसी गांव की सूचना है जो हम तक नहीं पहुंचे है। सोशल मीडिया के माध्यम से वह हम तक पहुंच सकते है। यह हमारे लिए सूचना है। उस पर हम तुरंत कार्रवाई करते हैं। हम एक्टिव होते हैं। सोशल मीडिया कुछ पॉजिटिव तो कुछ नेगेटिव है। सूचनाएं हम तक पहुंचाने के लिए एक जरिया बन जाता है। इसके लिए सेल एक्टिव है। हर जिले में एक सेल है। जो घटनाएं को डिटेक्ट करता है। लेकिन सरस्वती पूजा के दौरान इस वीडियो को चलाना। काफी खतरनाक हो सकते थे। यूट्यूब पर मुझे यह वीडियो नहीं दिखाई दिया। अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे बताए कि उन्होंने वीडियो कहां से लाया या कहां से मिली। कहां का मामला है। व्यक्तिगत कॉमेंट भी अपराध है। लेकिन अगर व्यक्ति कार्रवाई करना चाहते है तो वह स्वतंत्र है। यह कानूनन अपराध है।