खगड़िया सांसद ने कार्यक्रम में की शिरकत, इस्लामिया हाई स्कूल में कार्यक्रम हुआ आयोजित

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा)  उतर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 204 वीं जयंती काफी धूमधाम से अल-मदद एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के बैनर तले इस्लामिया प्लस टू हाई स्कूल में मनाया गया।

खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने कार्यक्रम में भाग लेते हु सर सैयद अहमद खान के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिता की मौत के बाद एक क्लर्क की नौकरी से शुरुआत करने वाले सैयद अहमद खान का विश्वविद्यालय की स्थापना तक का सफर अपने आप में एक इतिहास है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व और ऐतिहासिक योगदान को देखते हुए महात्मा गांधी ने उन्हें शिक्षा जगत का पैगंबर तक कहा था।

उन्होंने कहा कि 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली में पैदा हुए सर सैयद अहमद ने 1875 में एक स्कूल के रूप में जो पौधा लगाया था आज उसकी शाखाएं दुनिया के 110 से ज्यादा देशों में फैल चुकी हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा में 250 से अधिक कोर्स करवाए जाते हैं। विश्वविद्यालय के कई कोर्स में सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित हैं।

औसतन हर साल लगभग 500 फॉरेन स्टूडेंट्स एएमयू में एडमिशन लेते हैं। यूनिवर्सिटी कुल 467.6 हेक्टेयर जमीन में एएमयू अपनी लाइब्रेरी के लिए भी जाना जाता है। विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में 13.50 लाख पुस्तकों के साथ तमाम दुर्लभ पांडुलिपियां भी मौजूद हैं। इसमें अकबर के दरबारी फैजी की फारसी में अनुवादित गीता, 400 साल पहले फारसी में अनुवादित महाभारत की पांडुलीपि, तमिल भाषा में लिखे भोजपत्र, 1400 साल पुरानी कुरान, सर सैयद की पुस्तकें और पांडुलिपियां आदि शामिल है।

कार्यक्रम में प्रोफेसर अब्दुल बासित साहब, मसलेह साहब, प्रोफ़ेसर सोहैेल साहब, प्रेसिडेंट अल- मदद एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन अक़ील अहमद साहब, अली इमाम साहब, मास्टर तनवीर साहब, मास्टर यशवंत साहब सहित अन्य ने अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष अकील अहमद, कोषाध्यक्ष मो अब्दुल्लाह, सचिव तहसीन रज़ा, उप सचिव कासिफ रज़ा, शारिक कमर, कमर आलम, मन्नान आलम, मो मोकद्दम सहित अन्य शामिल हुए।