पुलिस दबिश के कारण चोर गिरोह ने सिटी साहब पोखर में फेंक दिया मुर्ति

सहरसा से V & N की रिपोर्ट : जिले के बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पंचगछिया के लालन हंस कुटी वार्ड नंबर 11 स्थित मंदिर में स्थापित अति प्राचीन राम-लक्ष्मण की ढेर सौ वर्ष पूरानी दो वर्ष पहले चोरी हुई मुर्ति सिटी पोखर से पुलिस ने सोमवार को बरामद कर लिया है। बरामद मुर्ति की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है।

बरामद मुर्ति

सहरसा पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि वर्ष 2019 में बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पंचगछिया में करोड़ों रूपए मूल्य की अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई थी। पुलिस अधीक्षक द्वारा बीते दिनों लंबित आपराधिक मामलों की समीक्षा की गई थी जिसमें प्रमुख तौर पर अष्टधातु की मूर्ति की चोरी से जुड़ा मामला भी लंबित पाया गया था।

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पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक निशिकांत भारती के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था तथा प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक को चोरी की अष्टधातु की मूर्ति बरामद करने का टास्क सौंपा गया। एसपी खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रही थी। उसी दौरान मूर्ति चोरी के मामले में शामिल रहे अपराधियों तथा अन्य संदिग्ध व्यक्तियों पर पुलिस की नजर टिकी हुई थी।

पुलिस की सक्रियता से घबराकर चोरों ने अष्टधातु की मूर्ति को तालाब में फेंक दिया। सिटी साहब पोखर पंचगछिया में मूर्ति फेंके जाने की सूचना मिलने के बाद मूर्ति को बरामद किया गया है। मुर्ति बरामद होने की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों में खुशी देखी जा रही है।

ऊंची कीमतों पर बिकती है मूर्तियां : मंदिरों से चोरी की गई पुरानी मूर्तियां ऊंची कीमतों पर बेची जाती है। जिस कारण चोर पुराने व ऐतिहासिक मंदिरों को निशाना बनाते हैं। मूर्ति की चोरी में एक संगठित गिरोह काम करता है जो स्थानीय चोर से संपर्क कर मूर्ति की चोरी कराने के बाद उसे कुछ ले-देकर मूर्ति लेकर निकल जाते हैं। जिस कारण अधिकांश मामलों का उद्भेदन नहीं हो पाता है। वैसे पुलिस इस तरह की घटना होने के बाद सक्रिय तो होती है। परंतु मामला पुराना होने के साथ ही चोरी की घटना ठंडा पड़ जाता है। लेकिन इस बार एसपी लिपि सिंह की अगुवाई में चोरी हुई मुर्ति बरामद कर लिया गया जो बेहतर पुलिसिंग का उदाहरण है।

चोरी के बाद मामले की तहकीकात करती पुलिस, फाइल फोटो

यहां बताते चलें कि अक्टूबर 19 में सहरसा के पंचगछिया गाँव में डेढ़ सौ वर्ष पूर्व स्थापित राम-लक्ष्मण की मूर्ति को अज्ञात चोरों ने चोरी कर ली थी। सुबह जब मंदिर के पुजारी परिसर में पूजा करने पहुंचे तो मंदिर से राम-लक्ष्मण की मूर्ति को गायब पाया था जिसके बाद घटना की जानकारी ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस को तुरन्त दिया। मौके पर पुलिस पहुंच कर घटनास्थल का जायजा लिया था।

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स्थानीय निवासी श्यामसुंदर चौधरी ने थाना में आवेदन देते हुए कहा था कि लालन हंस कुटी पंचगछिया के वार्ड नंबर 11 ठाकुरबारी से राम-लक्ष्मण की अष्टधातु मूर्ति अज्ञात चोरों ने चुरा ली है, जिसकी कीमत करोड़ो में है। श्यामसुंदर चौधरी के मुताबिक उनके पूर्वजों के द्वारा करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व मंदिर परिसर में राम-लक्ष्मण की मूर्ति को स्थापित की गयी थी। यहां पर प्रत्येक रविवार को रामायण गोष्ठी और हर वर्ष महोत्सव होता चला आ रहा है जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ रहता है।

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