मत्स्य सहयोग समिति सिमरी बख्तियारपुर के अध्यक्ष ने शिकारमाही एवं मखाना निकालने पर रोक लगाने की मांग
  • 17 सदस्यों ने ही अब तक जमा किया है राशि, 44 सदस्यों पर है सरकारी राशि बकाया
सांकेतिक तस्वीर

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत 35 मछली महाल एवं 18 मखाना महाल सदस्यों पर सरकार का लाखों रूपए राजस्व बकाया है। अब तक कुल सदस्यों में से 17 सदस्यों ने सरकारी राशि समिति के खाते में राशि जमा कर दी है जबकि अभी 44 सदस्यों के पास 4 से अधिक सरकारी राशि बकाया है।

इन लोगों ने जमा कर दी है सरकारी राशि

इस संबंध में सिमरी बख्तियारपुर मत्स्य सहयोग समिति के अध्यक्ष सरिता देवी ने एक पत्र थानाध्यक्ष बख्तियारपुर को प्रेषित करते हुए तत्काल प्रभाव से बकायेदार सदस्यों के मछली सह मखाना महाल जलकर पर शिकारमाही एवं मखाना निकालने पर रोक लगाने की मांग किया है।

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अध्यक्ष प्रतिनिधि अनिल सहनी ने बताया कि इस सहयोग समिति अन्तर्गत वर्ष 19-20 से लेकर 21-22 तक के लिए सरकार ने मत्स्य सहयोग समिति को पट्टेदारी पर 53 जलकरों को 7 लाख 93 हजार 3 सौ रुपए में बन्दोबस्ती की गई थी। अब तक समिति के खाते में 17 सदस्यों ने 4 लाख 25 हजार 880 रूपए जमा किया है। लेकिन अब तक कई बार स्मारित पत्र प्रेषित करने के बाबजूद 44 सदस्यों के यहां करीब पौने चार लाख रुपए बकाया है लेकिन वो सरकारी राशि जमा नहीं कर रहे हैं।

इन सदस्यों पर बकाया है सरकारी राशि

यहां बताते चलें कि जिला मत्स्य पदाधिकारी सहरसा ने एक पत्र सहयोग समिति के अध्यक्ष को प्रेषित करते हुए कुल राशि सरकारी खाते में जमा करने का निर्देश दिया था। यहां बताते चलें कि अगर ससमय सरकारी राशि जमा नहीं की गई तो सहयोग समिति के साथ हुए बंदोबस्ती को रद्द कर खुली निविदा (डाक) के माध्यम से बंदोबस्त करने का अधिकार डीएफओ के पास रहता है।

बकायेदार, सदस्य

बताते चलें कि जिन जलकरों पर बकाया राशि है उनमें एक जलकर सिमरी बख्तियारपुर का प्रसिद्ध गोरदह जलकर का आधा भाग भी आता है। यहां मिलने वाले मछली का बाजार मुल्य अन्य स्थानों पर मिलने वाले मछली से अधिक होती है। वर्तमान समय में अधिक पानी रहने की वजह से मछली शिकार बंद है। हालांकि अन्य पोखरों में मखाना निकालने का काम शुरू कर दिया गया है।

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