पूर्व जिप सदस्य रितेश रंजन व प्रवीण आनंद ने मंत्रीजी की घोषणा तत्काल लागू करने की मांग
  • प्राइवेट अस्पतालों में मरने वालों कोरोना मरीज को सरकारी मौत की सूची की जाय शामिल : रितेश

सहरसा : बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा हाल के दिनों में की गई घोषणा बहुत ही अच्छी पहल है अगर यह घोषणा जमीनी हकीकत बन जाता है तो यह स्वास्थ्य की क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

उक्त बातें बातें शुक्रवार को पूर्व जिप उपाध्यक्ष रितेश रंजन एवं पूर्व जिप सदस्य प्रवीण आनंद ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा। उन्होंने कहा कि सहरसा में स्वास्थ्य विभाग पुरी तरह सिथील पर गया है। कोरोना गांव गांव में फैल चुका है। लोग बेमौत मर रहे हैं। ना तो ग्रामीण स्तर सही रूप से जांच हो रही है ना ही सरकारी अस्पतालों में सही से इलाज ही हो पा रहा है।

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उन्होंने कहा कि अगर सरकारी अस्पतालों में सही इलाज होता तो आज सरकारी कोविड सेंटर में चंद मरीज नहीं होकर भरा रहता वही प्राइवेट अस्पतालों में बैड नहीं खाली मिल रहें हैं। इन दोनों ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा बिहार त्राहिमाम त्राहिमाम है य सहरसा जिला कोसी का पिछड़ा वर्ग गरीब इलाका है । स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह इलाका संसाधन विहीन है। लगातार कोरोना का कहर इस इलाके में बढ़ता जा रहा है। परंतु संक्रमण से ज्यादा इलाज एवं व्यवस्था के कमी से लोगों की मौत हो रही है ।

रितेश रंजन, फाइल फोटो

इन दोनों ने कहा कि पंचायती राज मंत्री आदरणीय सम्राट चौधरी जी का यह घोषणा की प्रत्येक जिला पार्षद अपने क्षेत्र के प्रखंड एवं अनुमंडल स्तरीय अस्पताल में दो से तीन करोड़ का मेडिकल संसाधन दे सकते हैं यह मील का पत्थर साबित हो सकता है बशर्ते कि यह घोषणा अखबार की बजाय जमीनी हकीकत बनें। माननीय मंत्री जी से हम लोगों का आग्रह होगा कि अविलंब इसे अमलीजामा पहनाया जाए।

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जारी प्रेस विज्ञप्ति में इन दोनों ने जिला प्रशासन से सात बिंदुओं पर अपनी राय से अवगत कराया जिसमें प्राइवेट अस्पताल हो या सरकारी वहां मरने वाले लोगों की कोरोना जांचोपरांत ही परिजन को बॉडी समर्पित किया जाए, क्योंकि अक्सर ऐसा देखा जा रहा है कि परिजन के हंगामे के बाद जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट आता है।

वहीं हर हाल में कोरोना संक्रमित मृत व्यक्ति का दाह संस्कार कोविड- प्रोटोकॉल के अनुसार हो, अक्सर बिना पैकिंग के ही परिजन को शव सौंपकर प्रशासन इस संक्रमण को तेजी से बढ़ाना चाहती है। सिमरी बख्तियारपुर कोविड-अस्पताल में सारी सुविधा के बावजूद भी औपचारिकता बस खोल कर रखा गया है मरीज को जान बूझकर सहरसा सदर भेजा जा रहा है।

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प्राइवेट अस्पताल में बेड की अनुपलब्धता बताकर मनमाने तरीके से गरीब आदमी से पैसा वसूला जा रहा है कोई मजिस्ट्रेट काम नहीं कर रहा है। जिला पदाधिकारी औचक निरीक्षण कर सत्यता की जांच कर सकते हैं। कोविड- सेंटर पर वैक्सीन से पूर्व जांच भी सुनिश्चित की जाए। प्राइवेट अस्पताल में कोरोना से मृत व्यक्ति को भी सरकारी रिकॉर्ड में लिया जाए। कोरोना संक्रमण से मृत व्यक्ति को सरकार द्वारा घोषित 4 लाख का मुआवजा अभिलंब दिया जाए।

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