जिलाधिकारी (DM) कौशल कुमार ने फीता काट किया उद्घाटन, अब प्रसव के लिए नहीं जाना होगा दूर

सहरसा 4 फ़रवरी : संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए अब जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) पर प्रसव केंद्र की सुविधा शुरू करने की कवायद चल रही हैै। गुरुवार को जिलाधिकारी कौशल कुमार ने सोनवर्षा राज प्रखंड अंतर्गत सहसौल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहसौल में पांच बेड के प्रसव सेंटर का उद्घाटन फीता काट किया।

सहसौल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से लोगों को उपलब्ध करायी जाने वाली रेफ़रल एवं प्रसूति सेवाओं का डीएम ने मुयायना भी किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं वेलनेस सेंटर, सहसौल में प्रदान की जा रही सभी सुविधाओं के साथ साथ डिलीवरी प्वाइंट की शुरुआत की गई है।

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प्रसव सेंटर की शुरुआत होने से एएनएम व स्टाफ नर्स 24 घंटे मिलेंगी। स्वास्थ्य केंद्र पर डिलीवरी प्वाइंट की शुरुआत से सहसौल और आसपास के लोगों में खुशी दिख रही है । उद्घाटन मौके पर जिले के सिविल सर्जन डॉ.अवधेश कुमार, प्रखंड विकास B.D.O पदाधिकारी कैलाशपति मिश्र, सोनवर्षा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.नरेंद्र कुमार सिन्हा, डीपीएम विनय रंजन, सहयोगी संस्था केयर इंडिया के डी.टी.एल. रोहित रैना, हेल्थ मैनेजर, महबूब आलम,ब्लॉक एमिली मिलन कुमार, बीएमई कविता कुमारी, केयर इंडिया ब्लॉक मैनेजर चंदन कुमार एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे, साथ में पंचायत के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए कराएँ संस्थागत प्रसव : DM कौशल कुमार ने उद्घाटन मौके पर कहा कि एक अध्ययन के अनुसार, मां और नवजात बच्चों की मौत की अधिकतर घटनाएं प्रसव के 24 घंटे के दौरान होती हैं। इसलिए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए संस्थागत प्रसूति सेवाओं के विस्तार, समय रहते प्रसव संबंधी जटिलताओं की पहचान एवं उनका उपचार जरूरी होता है।

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कई बार समय पर सही उपचार न मिल पाने से मां और उसके शिशु के जीवन खतरे में पड़ जाते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर गरीब अधिक आश्रित रहते हैं। इसलिए इन सेवाओं के मजबूत करने की दिशा में गुरुवार को सहसौल स्वास्थ्य केंद्र-सह वेलनेस सेंटर पर प्रसूति सेवाओं का प्रारंभ कराया गया है।

प्रसूति सेवा प्रदान करने के लिए तैनात किये गए हैं 2 डॉक्टर एवं 2 नर्स : DM कुमार ने कहा कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहसौल में प्रसव सेवा आमलोगों को मिले इसके लिए केंद्र पर दो डॉक्टर एवं दो नर्स की तैनाती की गयी है।

जिले के सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि प्रसव के दौरान रक्तस्राव को मातृ मृत्यु दर अधिक होने का एक प्रमुख कारण माना जाता है। आपात स्थिति में स्वास्थ्य केंद्रों से रेफरल केंद्र के रूप में कार्य करने की अपेक्षा रहती है। दवाओं और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति में खामियां स्थिति को और भी गंभीर बना देती है। इसलिए जिले में प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव सेवा का प्रारंभ करना आवश्यक था।

इसी क्रम में बेलवारा बाद सहसौल स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव की सुविधा एवं रक्तस्राव के प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि गुरूवार से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहसौल पर डॉक्टर एवं नर्स की मदद से सामान्य प्रसूति सेवाएं स्थानीय लोगों को मिल पायेगी।

कोरोना मापदंडो का पालन कर कराएँ प्रसव : सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार ने स्वास्थ्य केंद्र पर प्रदान की जा रही प्रसव एवं अन्य चिकित्सीय परामर्श के दौरान सभी कार्यरत डॉक्टर, नर्स एवं अन्य कर्मी को भारत सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के मापदंडों का पालन करने का निदेश दिया।

प्रसव केंद्र पर मिलेगी निम्न सुविधाएँ : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को प्रसव सेंटर में बदलने के बाद एएनएम व स्टाफ नर्स 24 घंटे मिलेंगी। अस्पताल के समय गर्भवती के पहुंचने पर डॉक्टर भी मिलेंगे। इससे प्रसव में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

गांवों की गर्भवती को मिलेगा लाभ : सहसौल प्रसव केंद्र शुरू होने से यहां से 10 किलोमीटर दूरी के गांवों की जनता को सीधा लाभ मिलेगा। खास करके के दूर के गांवों के गर्भवती महिलाओं समय पर स्वास्थ्य केंद्र सहसौल पहुंच अपना सुरक्षित प्रसव करा सकती है।