वरीय अधिकारियों को ई-मेल, भेज सुपौल जिले के इस नप का नाम बदलने का चलाया जा रहा अभियान

सुपौल : बिहार सरकार द्वारा हाल के दिनों में सुवे के कई पंचायतों को अपग्रेड कर नगर पंचायत बनाने की घोषणा किया है। इसी क्रम में सुपौल जिले के राघोपुर नाम से नगर पंचायत बनाने की घोषणा हुई है। अब वहां के आमजनों ने नामकरण का विरोध शुरू कर दिया है। विरोध का स्वरूप कुछ नया है। यहां के नागरिकों ने ई-मेल के माध्यम से वरीय अधिकारियों को संदेश भेज नाम बदलकर नगर पंचायत सिमराही करने की मांग की है।

सुपौल जिले का हृदयस्थली कहे जाने वाला सिमराही बाजार के लोगों ने अब सिमराही नाम का अस्तित्व बचाने के मुहिम को तेज कर दिया है। सुपौल जिला में सबसे ज्यादा राजस्व प्रदान करने वाला पंचायत सिमराही के कारण ही वर्ष 2010 में ही सिमराही को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री के मंच पर दिनांक 10 जून 2010 को सिमराही हाईस्कूल मैदान में आयोजित जन सभा में तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक श्री नीरज कुमार सिंह बबलू के मांग पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने किया था।

उक्त जन सभा मे मुख्यमंत्री द्वारा सिमराही में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने व सिमराही को नगर पंचायत बनाने की घोषणा किया गया था। लेकिन सिमराही के बदले करजाइन में पॉलटेक्निक कॉलेज का निर्माण किया गया। लेकिन सिमराही को नगर पंचायत बनाने की दिशा में पहल प्रारंभ कर दिया गया था। इसके तहत राघोपुर पंचायत समिति की बैठक में सर्वसम्मति से सिमराही व पिपराही पंचायत के सभी वार्डों को शामिल करते हुए सिमराही नगर पंचायत का गठन किये जाने का प्रस्ताव पारित किया।

उसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी, राघोपुर अंचलअधिकारी, राघोपुर भूमि सुधार उपसमाहर्ता, बीरपुर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा प्रपत्र जिला को भेजा गया। नगर वासी व जनप्रतिनिधि आस्वस्त थे कि नगर पंचायत का नाम सिमराही होगा। लेकिन हाल के दिनों में राघोपुर नगर पंचायत का नाम सामने आने के बाद लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहें हैं।

सिमराही बाजार वासियों का कहना है कि राघोपुर प्रखंड में राघोपुर एक ग्राम पंचायत भी है जो प्रस्तावित नगर पंचायत के उत्तर में स्थित है। इधर नगर पंचायत का नाम भी राघोपुर हो जाने से आम लोगों के साथ ही सरकारी कर्मियों को भी कठिनाई का सामना करना पर सकता है। प्रस्तावित नगर पंचायत में सिमराही, धर्मपट्टी, पिपराही, दुर्गापुर एवं रामपुर मौजा को शामिल किया गया है। इसमें राघोपुर मौजा शामिल नहीं है। जब मौजा शामिल ही नहीं किया गया है तो नाम राघोपुर होना उचित नहीं है।

इतना ही नहीं सिमराही का क्षेत्रफल सर्वाधिक है और आबादी भी अधिक है। 11415 कि कुल जनसंख्या वाला सिमराही मौजा स्वतंत्र रूप से नगर पंचायत बनने का अधिकार रखता है। सिमराही बाजार सुपौल जिला का मुख्य व्यसायिक केन्द्र है और इसी पंचायत के सिमराही एनएच को कोशी का द्वार भी कहा जाता है, क्योंकि यही से मधेपुरा, सहरसा और सुपौल जिला जाने का मुख्य सड़क है।

सिमराही पंचायत के सिमराही बाजार से ही एन एच 57 व एन एच 106 सड़क गुजरती है। रेफेरल अस्पताल, मध्य विद्यालय, उच्च विद्यालय, विभिन्न सरकारी बैंक और सुपौल जिले का सभी थोक व्यपारी का भी ठिकाना सिमराही बाजार ही है। सिमराही के नागरिकों का कहना है कि राजनीति का शिकार होने से सिमराही नगर पंचायत के बजाए राघोपुर नगर पंचायत का नाम दिया गया है।

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कुछ दिन पहले सिमराही की ओर से प्रतिनिधिमंडल ने राघोपुर नगर पंचायत के नाम को बदलकर सिमराही नगर पंचायत नाम करने के लिए जिलाधिकारी सुपौल को ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन कोशिश असरदार नही हुआ। अंततः सिमराही के युवाओं ने सिमराही के सभी नागरिकों को जागरूक कर ई मेल अभियान चलाने का काम कर रहे हैं।

अब तक सैकड़ो नागरिकों ने जिलाधिकारी और प्रमंडलीय आयुक्त को ई मेल भेज राघोपुर नगर पंचायत के नाम पर आपत्ति जताई है और सिमराही नगर पंचायत नाम करने का माँग किया है। इस अभियान में मुख्य रूप से अग्रणी युवाओं ने बताया कि उम्मीद है कि 30 जनवरी तक हजारों ई मेल उच्च पदाधिकारियों को पहुँच जाएगा और राघोपुर के बदले सिमराही नगर पंचायत नाम कर दिए जाने की मांग की है।