सोशल मीडिया के माध्यम से आमजनों को नामांकन में भाग लेने की अपील
  • पढ़ें क्या है खगड़िया विधानसभा का चुनावी इतिहास, जानें कब कौन बनें विधायक…?

खगड़िया : बिहार विधानसभा चुनाव के दुसरे दौर के चुनाव को लेकर शुक्रवार से नामांकन चालू हो गया है लेकिन शुक्रवार को एक भी नामांकन खगड़िया में नहीं दाखिल हो सका। वहीं शनिवार व रविवार के अवकाश के बाद सोमवार को नामांकन की होड़ रहेगी। सोमवार को एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी पुनम देवी यादव नामांकन का पर्चा दाखिल करेगी।

इस संबंध में निवर्तमान विधायक पुनम देवी यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से आमजनों को नामांकन में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने अपने अपनी में अधिक से अधिक लोगों के आने की अपील की गई है। नामांकन बाद आमजनों को भी संबोधित कर सकती है।

ये भी पढ़ें : खगड़िया : सदर विधायक पूनम यादव ने पीसीसी सड़क निर्माण का किया शिलान्यास

यहां बताते चलें कि खगरिया विधानसभा चुनाव क्षेत्र से पुनम देवी यादव का लगातार चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड होगा। वे अपनी जीत का हैट्रिक लगाने के बाद चौथी बार रिकॉर्ड कायम करने के लिए मैदान में उतरेंगी। अब देखने वाली बात होगी कि आगे जनता क्या अपना निर्णय देती है।

2005 से लगातार जीत रही जदयू, पूनम यादव तीन बार से हैं MLA : खगड़िया विधानसभा सीट पर तीन बार से लगातार जदयू का कब्जा बना हुआ है। इस सीट पर 2005 से जदयू का कब्जा बना हुआ है। गत 2015 के चुनाव में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) दूसरे स्थान पर रही थी। लेकिन इस बार चूंकि हिंदुस्तानी अवाम पार्टी एनडीए का हिस्सा है तो उसकी स्थिति और मजबूत रहने की संभावना है।

2015 का चुनाव एक नजर : 2015 में जदयू की पूनम यादव 64,767 (46.4%) मतों के साथ जीत हासिल करने में सफल रहीं थीं। उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राजेश कुमार को हराया था। राजेश कुमार को 39,202 (28.1%) मतों के साथ दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। जन अधिकार पार्टी के मनोहर कुमार यादव 12,791 (9.2%) मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

खगड़िया विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास : इससे पहले 2010 के चुनाव में जदयू की पूनम यादव जीत हासिल करने में कामयाब रही थीं। उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी लोक जनशक्ति पार्टी की सुशीला देवी को 48,841 (42.9%) मतों के साथ शिकस्त दी थी। सुशीला देवी को 21,988 (19.3%) मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहना पड़ा था। निर्दलीय उम्मीदवार धर्मेंद्र कुमार तीसरे स्थान पर रहे थे जिन्हें 15,237 (13.4%) वोट मिले थे।

ये भी पढ़ें : Rjd के प्रदेश सचिव रितेश रंजन को मिला खगड़िया जिला का सहायक प्रभारी की कमान

इसके पहले के यानि 2005 के चुनाव में भी जदयू की टिकट पर पूनम यादव जीत हासिल करने में कामयाब रही थीं। वही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार योगेंद्र सिंह ने 2000 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी जबकि 1995 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार चंद्रमुखी देवी जीतने में कामयाब रही थीं।

ये भी पढ़ें : खगड़िया : मुन्ना मुखिया हत्याकांड का मास्टरमाइंड कुख्यात सुरेश सहनी पंजाब से गिरफ्तार

1990 वाले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रणवीर यादव जीते थे जो निवर्तमान विधायक के पति हैं। वही 1985 में कांग्रेस के सत्यदेव सिंह, 1980, 1977 और 1972 में राम शरण यादव क्रमशः जनता पार्टी, निर्दलीय और भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार के तौर पर लगातार जीत हासिल करते रहे।

ये भी पढ़ें : खगड़िया : विख्यात कम, कुख्यात ज्यादा है 25 हजार का गिरफ्तार इनामी समशेर मुखिया

संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर राम बहादुर आजाद 1969 और 1967 में चुनाव जीते। 1962, 1957 और 1951 में कांग्रेस ने इस सीट प जीत हासिल की। कांग्रेस के टिकट पर केदार नारायण सिंह आजाद 1962, 1957 चुनाव जीते जबकि 1951 वाले चुनाव में द्वारिका प्रसाद ने जीत हासिल की थी।

सामाजिक ताना-बाना : जनगणना 2011 के मुताबिक खगड़िया विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 364803 है जिसमें 86.46% लोग गांव जबकि 13.54% जनसंख्या शहरों में रहती है। इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति की हिस्सेदारी क्रमशः 13.56 और 0.06 फीसदी है। 2015 के विधानसभा चुनावों में 59.05% मतदान हुआ था। इस बार कोरोना काल में वोट प्रतिशत मेंटेनें करना जिला प्रशासन की चुनौती होगी।