बिहार के दुसरे एम्स निर्माण का निर्माण दरभंगा में होने की हरी झंडी बाद सियासी पारा चढ़ा

सहरसा – ब्रजेश भारती : बिहार में बनने वाले दूसरे एम्स का निर्माण दरभंगा में होने की बात सामने आने के बाद कोसी में सियासी पारा चढ़ गया है। मीडिया में एम्स निर्माण दरभंगा में होने की खबर लगने के साथ दिन भर आमजनों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा। चाय पान की दुकानों से लेकर आमजनों की जुबान पर एम्स कोसी में नहीं बनने की बात कही जा रही थी। 

वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश सचिव रितेश रंजन ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोसी के सत्ता पक्ष के नेताओ पर जमकर भड़ास निकालते हुए इसे कोसी की लाखों जनता के साथ धोखा बताया है। उन्होंने कहा कि कोशी जैसे पिछड़े इलाके में प्रस्तावित एम्स को दरभंगा करना कोशी के लाखों लोगों के साथ छलावा किया गया है। दरभंगा में मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद भी एम्स की स्वीकृति करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कोशी के लाखों लोगों की उपेक्षा और अपमान है।

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एम्स निर्माण संघर्ष समिति जैसे कई बैनर तले एम्स की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन अनशन होते रहा है प्रवीण आनंद, विनोद झा जैसे कई लोगों ने एम्स के लिए आंदोलन किया। लेकिन सत्ता पक्ष ने अपने अहंकार में एक बड़ी उपब्धि को दरभंगा की झोली में सम्पर्ण कर दिया। रितेश ने कहा कि डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद कोशी की घोर उपेक्षा कई तथाकथित कोसी के खेवनहार कहे जाने वाले राजनीतिक दिग्गजों की पोल खोलती है।

आरजेडी नेता रितेश रंजन

यह हार उन खेवनहारों की हार है। निश्चित रूप से इन विकास पुत्रो का पलड़ा दरभंगा के राजनीतिक लोगों से भारी होता तो एम्स कोशी में ही होता, सवाल उठता है क्या कोशी में एम्स का नहीं होना कहीं यहां के राजनीतिक दिग्गजों द्वारा यहां की जनता की उपेक्षा तो नहीं है या इन दिग्गजों की मुख्यमंत्री की नजर में कोई अस्तित्व नहीं है। कोशीवासी इस काले दिन को हमेशा याद रखेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में कोशी वासी एम्स के छलावे का जवाब जरूर देंगी।

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