कोसी नदी के रास्ते गांजा की बड़ी खेप को ले जाने की थी योजना
  • बरामद गांजा की अनुमानित कीमत 11 लाख, की जा रही छानबीन
सहरसा : बिहार में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी शुरू होते ही मादक पदार्थों की तस्करों पर पुलिसिया कार्रवाई तेज हो चली है। विधानसभा चुनाव के लिए जिला पुलिस अलर्ट मोड में है। वहीं अपराधियों की धर-पकड़ भी तेज हो गई है। इस बीच शराब, गांजा, कोरेक्स की बरामदगी जारी है।

शनिवार को सहरसा जिले के नवहट्टा पुलिस को एक लावारिस ट्रैक्टर पर मक्के के बोरियों से नीचे छिपा कर रखे 10 बोरा गांजा को बरामद किया। बरामद गांजा की कीमत स्थानीय बाजार में करीब 11 लाख बतायी जा रही है। हालांकि समाचार प्रेषण तक पुलिस यह पता नहीं लगा पायी थी कि बिना नंबर का यह ट्रैक्टर किसका है और उस पर लदा मकई का बोरा कहां ले जाया जा रहा था। ऐसा माना जा रहा था कि रामनगर भरना के पास जहां गुप्त सूचना पर ट्रैक्टर जब्त किया गया वहां पुलिस की भनक लगते चालक सहित तस्कर पहले ही फरार हो गया था।

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ट्रैक्टर पर मकई बोरा के नीचे 10 बोरा में गांजा छिपा कर रखा गया था। जिसका वजन 1 क्विंटल 13 किलो 300 ग्राम हुआ। सूत्रों ने बताया कि बाजार में गांजा की कीमत 9 हजार रुपये किलो है। ऐसे में बरामद गांजा की कीमत करीब 11 लाख से अधिक होगी। गांजा की बरामदगी के बाद पुलिस इसकी तस्करी गिरोह से जुड़े अपराधियों की धरपकड़ में लग गई है।

बिना नंबर के स्वराज ट्रैक्टर से हुई बरामदगी : गुप्त सूचना के आधार पर नवहट्‌टा थाना के सहायक अवर निरीक्षक मुमताज अहमद पुलिस बल के साथ रामनगर भरना पहुंचे। वहां पानी टंकी के पास एक बिना नंबर की स्वराज ट्रैक्टर खड़ी थी। ट्रैक्टर पर लदे मकई की जब तलाशी ली गई तो 10 बोरा मकई के साथ 11 बोरा गांजा भी मिला। जिसका प्रति बोरा का वजन 10 किलो 300 ग्राम है। कुल मिलाकर 1.13 क्विंटल गांजा बरामद किया गया है।

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ट्रैक्टर व मक्का किसका, लगाया जा रहा पता : थानाध्यक्ष महेश कुमार रजक ने बताया कि इस कार्रवाई में बड़ी बरामदगी हुई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है कि यह ट्रैक्टर किसका है। इस पर किसका मक्का लदा हुआ था। कुल मिलाकर नवहट्टा पुलिस की बड़ी कार्रवाई में गांजे का एक बड़ा खेप पुलिस के हत्थे चढ़ा है। मौके पर बीडीओ विवेक रंजन, थानाध्यक्ष महेश कुमार रजक, सहायक अवर निरीक्षक मुमताज अहमद सहित अन्य मौजूद थे।

कोसी नदी के रास्ते नशीले पदार्थों की होती है तस्करी : कोसी नदी में नाव के जरिए नशीली पदार्थों की तस्करी का खेल वर्षों से चल रहा है। राज्य में शराबबंदी कानून लागू किए जाने के बाद नेपाल से कोसी नदी के रास्ते अंग्रेजी शराब की खेप एक जिला से दूसरे जिलों में पहुंचाया जाता रहा है। गांजा की तस्करी के लिए कोसी का रास्ता पहले से सुरक्षित माना गया है।

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21 सितंबर को 3000 बोतल कोरेक्स मिला था : नवहट्टा के रामनगर भरना में पकड़ाया गांजा तटबंध या फिर कोसी नदी के रास्ते अन्यत्र भेजने की योजना थी। तस्कर के प्रतिद्वंद्वी गिरोह द्वारा पुलिस को दी गई गुप्त सूचना पर सफलता मिली है। इससे पहले 21 सितंबर को सहरसा बस्ती से पुलिस ने सूनसान पड़े एक घर से 3000 बोतल कोरेक्स को बरामद किया था। इनपुट दैनिक भास्कर।

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