खगड़िया जिले के छः लोग तो सहरसा जिले के दो लोग बनें नामजद आरोपी

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : सहरसा – खगड़िया सीमा क्षेत्र के कोशी दियारा में बुधवार की शाम रामानंद यादव उर्फ पहलवान की हत्या मामले में पत्नी फूलन देवी ने आठ लोगों पर लिखित आवेदन देकर हत्या का आरोप लगाते एफआईआर दर्ज कराई है।

जिन लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है उनमें छः लोग खगड़िया जिले का वहीं दो लोग सहरसा जिले का रहने वाला हैं। सिमरी बख्तियारपुर डीएसपी मृदुला कुमारी ने बताया कि आठ लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया इन लोगों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है जल्द ये लोग सलाखों के पीछे होगा।

रामानंद यादव की पत्नी ने दिए आवेदन में कहा है कि काली स्थान से गेहूं कटवा कर उसके पति एवं पुत्र व स्वयं घर बेलाही आ रहे थे कि रास्ते में मकई की आड़ में पहले से घाट लगाए तीस से पैंतीस आदमी ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए मेरे पति की गोली मार हत्या कर डाला। इन लोगों में सिर्फ आठ लोगों को ही पहचान सकी थी। बाकी लोग वर्दी पहने हुए था।

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जिन लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है उनमें खगड़िया जिले के अलौली थाना क्षेत्र के भिखारी घाट निवासी शर्मानंद यादव उसके भाई परमानन्द यादव एवं पुत्र नीतीश कुमार वहीं मोरकाही थाना क्षेत्र के पीपरपैंती नक्सली मनोज सदा एवं अलौली निवासी सरविंद यादव का भतीजा वरूण यादव एवं सहरसा जिले के कनरिया ओपी क्षेत्र के सुखासन गांव निवासी पारो यादव उसका भाई पंकज यादव सहित दो दर्जन से अधिक अज्ञात वर्दीधारी शामिल हैं।

वहीं शुक्रवार को डीएसपी मृदुला कुमारी, बख्तियारपुर थानाध्यक्ष रणवीर कुमार, सलखुआ थानाध्यक्ष एम रहमान, चिड़ैया ओपी प्रभारी फहीमउल्लाह सहित पुलिस बलों के साथ कोशी दियारा पहुंच रामानंद यादव के परिजनों से मिल जानकारी ली एवं नामजदों की गिरफ्तारी के छापेमारी शुरू कर दिया गया है।

वहीं पहलवान पुत्र रौशन यादव एवं पत्नी फूलन देवी ने डीएसपी से अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है उन्होंने कहा कि रामानंद यादव को नक्सलियों ने उसके दुश्मनों के साथ मिलकर साजिश के तहत हत्या कर दिया है अब उसके परिवार को टारगेट किया गया है। अगर पुलिस परिवार की सुरक्षा प्रदान नहीं करेगा तो परिवार के किसी भी सदस्य की कभी हत्या कर सकता है।

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जिन लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है उनसे रामानंद यादव की पुरानी अदावत चली आ रही है। कोशी दियारा में नक्सलियों ने इसी बात का फायदा उठाते हुए इन बदमाशों से मिलकर रामानंद यादव का सफाया किया। सूत्र बताते हैं कि कोशी दियारा हमेशा नक्सली अपना गढ़ बनाना चाहते थे लेकिन हमेशा रामानंद यादव रोड़ा बन सामने आ जाता था। अब जबकि रामानंद की हत्या हो गई है ऐसे में नक्सली यहां अपना राज कायम कर पुराने सपने साकार कर ले तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।

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