मुखिया प्रतिनिधि के हत्यारों को जल्द प्रशासन गिरफ्तार कर चलाए स्पीडी ट्रायल

खगड़िया : जिले के अलौली थाना क्षेत्र के मेघौना पंचायत के पूर्व मुखिया सह मुखिया प्रतिनिधि कामरेड जगदीश चन्द्र बसु उर्फ मुन्ना यादव की अपराधियो ने गोली मार मौत के घाट उतार दिया।

कृष्णा यादव नेत्री (फाइल फोटो)

अपराधियो के बुलंद हौसले एवं जिले में अपराध पर लगाम लगाने में बिफल पुलिस प्रशासन पर रोष व्यक्त करते हुए पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सह पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव ने अविलंब हत्यारों की गिरफ्तारी सहित दिवंगत मुन्ना यादव को कोरोना योद्धा घोषित करते हुए सरकार से पचास लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।

ये भी पढ़ें : खगड़िया : रामानंद यादव गिरोह के तीन बदमाश हथियार व गोली के साथ एसटीएफ के हत्थे चढ़ा

श्रीमती यादव ने कहा कि मुन्ना यादव को जिस प्रकार अपराधियो ने गोलीयों से भून डाला यह सरकार एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। एक सुनोजित साजिश के तहत मेघौना पंचायत के कोकराहा गांव के समीप पुल के पास मुखिया प्रतिनिधि की हत्या की गई है यह एक जघन्य अपराध है।

advt.

जब काॅमरेड जगदीश चंद्र बसु भारत सरकार और राज्य सरकार के घोषणा के अनुसार कोरोना महामारी के विरुद्ध जंग के लिए जागरूकता अभियान चलाकर घर वापस आ रहे थे, तब अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया। दिवंगत मुन्ना मुखिया एक समाजसेवी तथा राजनीतिक कार्यकर्ता थे। वे लगातार कमजोर, गरीब, दबे- कुचले की आवाज बनकर आमजन के समस्या को लेकर संघर्षरत रहते थे।

ये भी पढ़ें : खगड़िया के पूर्वी ठाठा गांव में दो नही तीन लोगों की आपसी वर्चस्व में हुई हत्या

उनका जीवन गरीबों के प्रति समर्पित था । ऐसे व्यक्ति को सरकारी कार्य में सहयोग करने के दौरान हत्या कर देना काफी दु:खद और निन्दनीय है। जिला प्रशासन कोरोना के विरुद्ध संघर्ष के दौरान हत्या के कारण उन्हें “कोरोना योद्धा” घोषित करें । साथ ही इस महामारी के विरुद्ध जंग के दौरान हत्या होने के कारण उनके परिजन को पचास लाख अनुदान के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार को जिला प्रशासन अनुशंसा करें ।

दिवंगत मुन्ना यादव (फाइल फोटो)

वहीं अपराधी के विरुद्ध इनाम घोषित कर बिहार सरकार के स्पेशल टास्क फोर्स के द्वारा गिरफ्तारी करवाया जाए साथ ही अपराधी के विरुद्ध स्पेशल कोर्ट गठित कर तीन माह के भीतर त्वरित न्याय के लिए मामले का निष्पादन करवाया जाय, अन्यथा कोरोना लाॅक डाउन के बाद जिला प्रशासन के विरुद्ध बड़े पैमाने पर “आक्रोश मार्च” निकाला जाएगा जिसके लिए जिला प्रशासन और सरकार जिम्मेदार होगी