ग्राम कचहरी को मजबूत करने के लिए जागरूकता आवश्यक : डीआईजी

सहरसा से V & N की रिपोर्ट : सहरसा जिला मुख्यालय स्थित विकास भवन सभागार में रविवार को ग्राम कचहरी को मजबूत करने के लिए कोसी प्रमंडल के सभी एसडीपीओ, थानाध्यक्ष एवं पुलिस निरीक्षक की कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें ग्राम कचहरी के दायित्व व पुलिस की भूमिका पर चर्चा की गई।

कार्यशाला का उद्घाटन कोसी रेंज के डीआइजी सुरेश प्रसाद चौधरी, सहरसा के एसपी राकेश कुमार एवं सेवानिवृत न्यायाधीश चंद्रशेखर शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

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इस अवसर पर डीआइजी ने कहा कि ग्राम कचहरी को मजबूत करने के लिए जागरूकता आवश्यक है। छोटे-छोटे विवाद होने पर भी लोग थाना आते हैं। अगर इसका समाधान ग्राम कचहरी में हो जाय तो न्यायालय में भी मुकदमे को बोझ कम होगा। उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी का कार्यक्षेत्र अदालत की तुलना में काफी छोटा है। परंतु कचहरी के सदस्यों को गांव में हुए विवाद की वास्तविक जानकारी रहती है। कचहरी में ऐसे विवाद आने पर सच्चाई के आधार पर लोगों को शीघ्र न्याय मिल सकता है।

एसपी ने कहा कि ग्राम कचहरी के सरपंच समझौते के आधार पर कई छोटे विवादों का समाधान करा सकते हैं। थाना में आने वाले ऐसे विवादों को ग्राम कचहरी हस्तांरित करने से छोटे विवादों का हल हो जाएगा जिसमें थानों में मुकदमों की बोझ भी कम होगी और समाज में भाईचारा भी बना रहेगा।

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सेवानिृत न्यायाधीश ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम की धारा 106 के अंतर्गत ग्राम कचहरी को भारतीय दंड संहिता की कुल 40 जमानती धाराओं के अंतर्गत किये गये अपराधों के लिए विवाद सुनने एवं निर्णय देने का अधिकार है। हालांकि ग्राम कचहरी अधिकतम एक हजार रुपये तक जुर्माना कर सकती है। ग्राम कचहरी चाहे तो किये गये जुर्माना की राशि मुआवजा के तौर पर अपराध में हुई क्षति के लिए पीड़ित को भी दे सकती है।

जबकि मामला झूठा रहने पर परिवादकर्ता पर भी पांच सौ तक जुर्माना कर सकती है। इसके अलावा संपत्ति वंटवारा को लेकर भी सहमति दे सकती है। उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी सच्चा, पारदर्शी न्याय दे सकती है। जरूरत है जागरूक करने की।

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उन्होंने थानाध्यक्षों को भी ऐसे मामले में पहल करने का आग्रह किया। कार्यशाला में सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी, सुपौल एसडीपीओ विद्यासागर समेत सहरसा, सुपौल व मधेपुरा के सभी थानाध्यक्ष, इंस्पेक्टर, डीएसपी व एसडीपीओ मौजूद थे।