सम्पत्ति विवाद अंधे पुत्र की करतुत, पूर्व में जा चुका है जेल, एसपी ने दिया कार्रवाई का निर्देश

सहरसा से V & N की रिपोर्ट : एक ओर मां बाप अपने संतान की परवरिश करते हैं ताकि बुढ़ापे के दिनों में वो उसका सहारा बने लेकिन जब वही संतान बूढ़े मां बाप के साथ मारपीट कर उन्हें घर से निकाल दें तो आप क्या कहेंगे….! जी हां ऐसा ही कुछ वाक्या हुआ है सहरसा जिले में, जहां एक कलयुगी संतान ने हैवानियत की हदें पार करते हुए अपने ही मां बाप को बेरहमी से पिटाई कर घर से निकाल दिया। बुजुर्ग दम्पत्ति फिलहाल सदर अस्पताल में इलाजरत हैं।

…. दरअशल सहरसा जिले के सोनवर्षाराज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी बजुर्ग दम्पत्ति हरिकृष्ण सिंह और उनकी पत्नी प्रतिमा देवी को उनके ही छोटे बेटे मनोज सिंह ने संपत्ति विवाद में लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई कर दी। जिसके बाद पिटाई से घायल बुजुर्ग दम्पत्ति को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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पीड़ित दम्पत्ति की माने तो उसका छोटा बेटा संपत्ति को लेकर आए दिन उन्हें प्रताड़ित और मारपीट करता रहता है इससे पूर्व भी कई बार मारपीट कर चुका है। बताया जाता है कि आरोपी पुत्र अपने कुछ लोगों के साथ एकाएक आया और अपने बुजुर्ग माँ बाप को पहले घर से निकलने के लिए कहा जिसका विरोध करने पर मां बाप को लाठी और रॉड से पिटाई करने लगा पिटाई से बुजुर्ग पिता के चेहरे पर काफी जख्म उभर आए हैं जबकि बुजुर्ग मां को भी चोटें आई है। वहीं अब बुजुर्ग दम्पत्ति अपने बेटे पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

वहीं जब पूरे मामले पर सहरसा पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मामला प्रकाश में आया है कि बुजुर्ग दम्पत्ति के साथ उसके ही पुत्र ने मारपीट की है, इससे पूर्व लगभग एक वर्ष से पिता पुत्र के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चला आ रहा है। इससे पूर्व भी आरोपी पुत्र पर मामला दर्ज हुआ था और कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया था। पुनः मामला सामने आने पर सोनवर्षाराज थाना अध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

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यहां अब यह प्रश्न सामने आता है कि अक्सर संतान संपत्ति के लालच में हैवानियत की हदें पार कर जाते हैं यह भूल जाते हैं कि उनको जन्म देने वाला और लालन पालन करने वाला उनके भगवान स्वरूप माता पिता हैं…जरूरत है ऐसे संतान को की वो अपने माता पिता की सेवा करें और बुढ़ापे का सहारा बने।

लेकिन यह कलयुग है ऐसे संतान भूल जाते हैं कि वह भी एक दिन उस अवस्था में आऐंगे और उसके साथ भी उसके पुत्र ऐसा व्यवहार कर सकते हैं क्योंकि कलयुग एक हाथ करोगे तो दुसरे भोगने के लिए भी तैयार रहना होगा।