मां-बाप की मृत्यु बाद नाबालिग बड़ा भाई मेहनत मजदूरी कर छोटे भाई को दे रहा तालिम

सिमरी बख्तियारपुर से अतिथि रिपोर्टर आयुष कुमार की विशेष रिपोर्ट : प्यार  ममता और समर्पण जैसे शब्द मां के रिश्ते से जुड़े होते हैं. लेकिन कई बार जन्म देनेवाली मां के अलावा भी हमारे आसपास कुछ ऐसे रिश्ते होते हैं, जिनमें हमें मां की तरह या उनके जितना ही प्यार मिलता है.

स्कूल के डायरेक्टर सुमीत कुमार दोनों भाइयों को सम्मानित करते हुए

रिश्ते से जुड़े ये मां हमारा ख़्याल रखते हैं और ज़रूरत पड़ने पर मज़बूत चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े रहते हैं. इस मदर्स डे हमने जन्म देनेवाली मां नहीं, बल्कि मां का फ़र्ज़ निभानेवाले उस भाई को समर्पित किया है. जिसने माँ – पिता की मृत्यु के बाद अपने छोटे भाई के लिए मां की भूमिका निभाई है.

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● भैया खुद से ज़्यादा मेरी परवाह करते है : मेरे भैया अंकित कुमार मेरे लिए दिन भर मजदूरी कर मेरे हर दुख को सुख में बदलते हैं. मैं उन्हें भैया बुलाता हूं और वे मुझे प्यार से छोटू बुलाते हैं. जैसे माँ बच्चों की किसी एक आदत या ग़लती पर उन्हें घंटों डांट सकती हैं, उसी तरह मेरे भाई भी मेरे बारे में कोई एक ग़लत बात मिल जाए तो मुझे या मेरे दोस्तों को उस बारे में घंटों सुनाते है.

आप यक़ीन नहीं करेंगे कि मेरा भाई मुझे मेरे दोस्तों की माँ की तरह डांट लगते हैं.ऐसा नहीं कि वे सिर्फ़ मां की तरह डांटते हैं. वे मां की ही तरह बल्कि कहूं मां से भी ज़्यादा मेरे भविष्य, मेरे ज़िंदगी की परवाह करते हैं.

छोटे भाई बड़े भाई को आरती उतारते हुए

● माँ और पिता की हो चुकी है मौत : सिमरी बख़्तियारपुर नगर पंचायत अंतर्गत कानू टोला स्थित एक झोपड़ीनुमा घर में जिंदगी की गाड़ी बढ़ा रहे तेरह वर्षीय अंकित कुमार की कहानी हर व्यक्ति के लिए एक सीख है.अंकित कुमार की माँ इंदुल देवी ने छोटे पुत्र के जन्म के कुछ दिन बाद ही उसका साथ छोड़ दिया.

किडनी में खराबी की समस्या से जूझ रही इंदुला देवी की मौत हो गई.उसके कुछ साल बाद ही अंकित के पिता मनोज पासवान ने भी जिंदगी का डोर तोड़ अंकित और उसके छोटे भाई को आदित्या कुमार (7 साल) को बेसहारा कर दिया.

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कुछ दिनों तक तो आस – पड़ोस के भरोसे अंकित और आदित्या की दो जून की रोटी प्रबंध होता रहा पर धीरे – धीरे समाज का साथ भी छूटता गया.पापी पेट की आग के आगे घर के लाल इंदुल और मनोज के बड़े बेटे तेरह वर्षीय अंकित ने मजदूरी कर और जैसे – तैसे अपने और अपने भाई का पेट भरना शुरू किया जो अनवरत जारी है.

सात साल के छोटे भाई आदित्या को कोई खरोच ना आये उसका हर पल ध्यान भी रखा.माँ – बाप की मृत्यु के बाद हर कष्ट को झेलने के बाद बस यही सपना है कि उसका आदित्या उर्फ छोटू नौकरी कर बड़ा आदमी बने.

शायद इसलिए ही छोटू का बीते दिनों अंकित ने सिमरी बख़्तियारपुर अंतर्गत पुरानी स्टेट बैंक के पीछे स्थित द ग्रीन प्लेनेट स्कूल में नामांकन कराया. बड़े भाई के जज्बे को देखते हुए स्कूल प्रबंधक सुमित गुप्ता ने नामांकन से लेकर फीस तक माफ कर दिया.साथ ही किताबो की भी व्यवस्था करवाई.ताकि बड़े भाई का सपना पूरा हो सके.

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● अंकित हुआ सम्मानित : मदर्स डे जैसे मौके पर माँ की भूमिका निभाने वाले भाई अंकित कुमार को द ग्रीन प्लेनेट स्कूल की ओर से सम्मानित किया गया.स्कूल के प्रबंधक सुमित गुप्ता ने बड़े भाई अंकित कुमार को कम उम्र में बड़ी जिम्मेवारी निभाने के लिए एक कार्यक्रम कर सम्मानित किया.साथ ही उपहार भी दिया.

इसके अलावे स्कूल में शिक्षा कर रहे आदित्या कुमार को स्कूल ड्रेस और खेलने के लिए खिलौने उपलब्ध करवाये.इस मौके पर सुमित गुप्ता ने कहा कि असल में हर वह व्यक्ति जो आपका ख़्याल रखता है.आपकी सुरक्षा करता है और आपको लेकर चिंतित रहते हुए आपको आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करता है.उसमे माँ का प्रतिबिंब दिखता है.