दिसंबर 18 में अपहृत का जनवरी 19 में कोर्ट नालसी पर हुआ था मामला दर्ज

  • इतने दिनों बाद भी पुलिस नहीं ढुंढ पाई अपहृत युवती को,अब मिला पोखर से शव

सहरसा से भार्गव भारद्वाज की रिपोर्ट :- भले बिहार के सुशासन बाबू महादलितों के हीतो की लंबी चौड़ी बातें करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। एक महादलित युवती का दिसंबर 18 में अपहरण होता है। लेकिन लोकल थाना केस लेने से इंकार कर देती है।

मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटा गया तो कोर्ट नालसी के बाद केस दर्ज हुआ। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस अपहृत युवती को खोजने के बजाय कांन में तेल डालकर सो गई। पुलिस की नींद तब खुली जब उस युवती का शव एक पोखर से बोरे में बंद महुआरे के जाल में फंस जाने के बाद बाहर निकाला गया।

ये भी पढ़ें :- फांसी के फंदे से झूलता इंटर की छात्रा का शव बरामद,जांच में जुटी पुलिस

दरअसल उपरोक्त पुरा मामला किसी फिल्म का पटकथा नहीं है बल्कि एक सच्ची घटना है वह भी सहरसा जिले के सोनवर्षा राज थाना क्षेत्र के सोहा गांव का है। शुक्रवार शाम गांव के ही एक पोखर में मछली मारने के लिए जाल डाला जा रहा था कि अचानक जाल में एक बोरा फंस गया।

बाहर निकालने के बाद जब उसे खोला गया तो सभी भौच्चके रह गए।बोरा में एक शव था वह भी युवती का।शव मिलने की खबर गांव सहित आसपास जंगल की आग की तरह फैल गया। सभी और सनसनी फ़ैल गई की किसकी लाश है। हर कोई लाश देखने और पहचान करने दौर पड़े।

ये भी पढ़ें :- महिला का सड़क किनारे सन्देहास्पद स्थिति में शव बरामद, हत्या की आशंका

कुछ समय बाद शव की पहचान उसी गांव के शूभक राम की पुत्री अनिता देवी के रूप में हुई। पुलिस को मामले की सूचना दी गई तो वे शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सहरसा भेज पुरे मामले की छानबीन शुरू कर दिया। हालांकि अभी तक कैसे यह घटना घटी कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है।

वही परिजन का कहना है कि तीन माह पूर्व 19 दिसंबर 2018 की शाम को पिंटू यादव, राकेश, विनोद साह और राजेश सदा अनिता का अपहरण उस समय कर लिया था उसका भाई पटना गया हुआ था। पटना से आने के बाद सोनबर्षा राज थाना में इन चारों के विरुद्ध अपहरण करने का आवेदन पुलिस को दिया था।

ये भी पढ़ें :- एनएच किनारे दो अज्ञात युवकों का शव बरामद, क्षेत्र में सनसनी

लेकिन पुलिस हमारे आवेदन पर मामला दर्ज नही किया तब जाकर कोर्ट में नालसी दर्ज उपरांत 2 जनबरी 19 को पुलिस मामला दर्ज किया। लेकिन अपहृत बरामदगी में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसकी वजह से आज उसका शव पोखर से बरामद किया गया।

अगर समय रहते इस अपहरण मामले में पुलिस ईमानदारी से तत्परता दिखती तो शायद अनिता आज असमय काल के गाल में नही समाती और आरोपी सलाखों के पीछे नजर आता। अब अनिता को इंसाफ मिलेगा यह भी संसय है।