• पांच घंटों तक जाम में हलकान रहे राहगीर, सदर थानाध्यक्ष व बीडीओ के आश्वासन पर टुटा जाम

सहरसा से भार्गव भारद्वाज की रिपोर्ट : सहरसा जिले के सड़कों पर तेज रफ्तार का कहर बदस्तूर जारी है ऐसा कोई दिन नहीं जब तेज रफ्तार का शिकार राहगीर या आमजन नहीं हो रहा है।

बस में तोड़फोड़ करते आक्रोशित ग्रामीण

ताज़ा शिकार एक सात वर्षीय बच्ची बनी। सहरसा – मधेपुरा एनएच 107 के पहुआहा मंदिर के समीप बुधवार को एक यात्री बस ने मंदिर के पुजारी की नातिन को कुचल दिया।कुचले जाने से बच्ची की मौत मौके पर ही हो गई।

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घटना से आक्रोशित लोगों ने इस सड़क मार्ग को अवरूद्ध कर यात्री बस में तोड़फोड़ शुरू कर दिया। पुरी तरह से बस को क्षतिग्रस्त करने के बाद आक्रोशित लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव को बीच सड़क पर रख वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अरे रहे।

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आक्रोशित लोगों का कहना था कि तेज रफ्तार कोई नहीं बात नहीं है आए दिन कोई वाहन चाहे वह यात्री बस हो या फिर नीजी वाहन रफ्तार तो इस कदर रहती है कि अगर सड़क पार करने में थोड़ी सी चूक हुई तो सीधे यमराज से नाता जुड़वा दिया जाता है।

सड़क पर रखा मृत बच्ची का शव

घटना की जानकारी मिलने पर सदर विधायक अरूण यादव आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन लोगों का कहना था कि इसी वक्त डीएम यहां पहुंच दस लाख मुआवजा राशि दे तभी जाम खत्म होगा।

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भीड़ के उग्र रूप को देखते हुए जिला पुलिस प्रशासन ने बड़ी संख्या में घटना स्थल पर पुलिस बलों की मौजूदगी कर दी। लोग प्रदर्शन करते रहे आनजन व राहगीर जाम से परेशान होते रहे। करीब पांच घंटे बाद सदर थानाध्यक्ष राजमणि व बीडीओ के आश्वासन बाद जामकर रहे प्रदर्शनकारी मानें।