उपप्रमुख व सदर मुखिया ने किया निरीक्षण,आमजन रहते हलकान

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : सरकार एवं जिला प्रशासन के सख्त निर्देश के बाद भी सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के सलखुआ अंचल कार्यालय में अंचलाधिकारी के मनमानी के कारण कार्यालय से कर्मी भी गायब रहते हैं।

मुख्यालय में पदाधिकारीयों एंव कर्मचारियों का अपने दफ्तर में समय से नहीं पहुंचना आम बात हो गया है। यहां पुरानी कहावत एक बजे लेट नही तीन बजे भेट नहीं वाली कहावत सलखुआ अंचल कार्यालय के पदाधिकारीयों एंव कर्मियों पर सटीक बैठ रहा है। कार्यालय के सभी कर्मियो का लेट लतीफ पहुंचना नियति बन चूका है।

ये भी पढ़ें :- चार के मुकाबले सात मतों से रीता देवी बनी सलखुआ प्रखंड प्रमुख

ग्यारह पंचायत वाले सलखुआ अंचल क्षेत्र बाढ़ प्रभावित एवं पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। खासकर प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर से अंचल कार्यालय अपने कार्य को लेकर आने वाले लोगों को तब परेशानी बढ़ जाती है जब अंचल में न ही अधिकारी और न ही क्रर्मी का दर्शन होता है।

ये भी पढ़ें :- Saharsa : सलखुआ के दियारा में शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे

मंगलवार को लगभग ढेड़ बजे ग्रामीणों के शिकायत पर प्रखंड उप प्रमुख इन्द्रदेव यादव एवं स्थानीय मुखिया सह प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष मिथिलेश विजय ने अंचल कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय में एक मात्र प्रधान लिपिक भोलानाथ गुप्ता मौजुद थे।उप प्रमुख एवं मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष ने कार्यालय क्रर्मी के अनुपस्थित पर पुछताछ किया तो उन्होंने कहा कि अंचलाधिकारी एवं अन्य कर्मी जिला कार्यालय कार्य से गए है।

वहीं अंचल कार्यालय में दिन के करीब डेढ़ बजे सीओ के वेशम बंद था,एवं अन्य कर्मी के स्थान पर खाली कुर्सी नजर आ रहा था।दफ्तर से पदाधिकारी गायब थे।

ये भी पढ़ें :- सलखुआ के अलानी पंचायत का 97 क्विंटल खाद्यान्न हजम कर गए डीलर

जिस कारण विभिन्न कार्य कराने के लिए दुर दराज से पहुंचे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के उदासीनता के कारण गरीब लोगों को परेशानी बढ़ रहा है। गौरतलब हो कि स्थानीय अंचल क्षेत्र में अगर सर्वे कराया जाये तो बहुत से ऐसे बेसहारा मिल जाएंगे जो पेंशन , दाखिल खारिज जैसी सरकार के अन्य लाभकारी योजनाओं से वंचित है।