एन बी एस यू चालू होने से बच्चे की मृत्यु दर होगी कम : डीएम

अनुमंडलीय अस्पताल में चार बैड का एनबीएसयू हो गया चालू

अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर में इस सेवा के चालू होने पर आमजनों ने जताया खुशी

सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-
नवजात बच्चे की मृत्यु दर कम करने के लिये अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर में लगाये गए न्यू बोर्न केयर स्टेबलाइजेशन यूनिट का बुधवार को उद्घाटन जिलाधिकारी शैलजा शर्मा एवं प्रखंड प्रमुख सविता देवी ने फीता काट कर किया।
वही उद्घाटन उपरांत डीएम ने परिवार नियोजन काउंसिलिंग कक्ष का निरीक्षण कर आवश्यक जानकारी लेते हुए उपस्थित एएनएम से कांउसिलिंग कक्ष के संबंध में महिलाओं को अधिक से अधिक जानकारी देने का निर्देश दी। 
इस मौके पर मीडिया से रूबरू होते हुए डीएम ने कही कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य स्तरीय प्रोग्राम के तहत न्यू बोर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट का आज शुभारंभ अनुमंडलीय अस्पताल में किया गया है। इस यूनिट के चालू होने से गंभीर रूप से बीमार या कमजोर नवजात शिशुओं को समय पर पूरा और अच्छा इलाज मिलने से उसकी जान बचाई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इससे जन्म मृत्यु दर में कमी आएगी। 
वही अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर नरेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि इस यूनिट में दो रेडिएट वार्मर, जन्मजात जॉन्डिस के बच्चों के लिए एक फोटो थेरेपी, दो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दो लो प्रेशर एक्शन मशीन आदि की व्यवस्था है इस यूनिट के खुलने से समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चे, कम वजन के नवजात, कमजोर नवजात,सांस लेने में तकलीफ वाले नवजात हाइपोथर्मिक नवजात आदि के इलाज में सुविधा होगी।

इस मौके पर सीएस शैलेन्द्र प्रसाद गुप्ता, स्वास्थ्य प्रबंधक महबूब आलम, डीपीआरओ सहरसा जय शंकर कुमार, बीडीओ मनोज कुमार, सतीश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
जान बचाने की कवायद-

कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में जन्मे अति गंभीर बीमार और कमजोर नवजात शिशुओं के समय पर इलाज और उचित देखभाल के लिए यह यूनिट लगाया गया है। इन यूनिट में आधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ चिकित्सक की देख-रेख में संचालन होगा।
यह लगें हैं ये उपकरण –

अनुमंडलीय अस्पताल में फिलहाल एनबीएसयू में मात्र 4 बेड लगे हैं । इसके साथ ही अब यहां पर बेबी वार्मर, पीलिया होने पर फोटो थैरेपी मशीनें, श्वास देने वाली 250 एमएल एवं 500 एमएल मशीन, सक्शन पम्प, पल्स ऑक्सीमीटर, जांच के लिए लाइट मशीन, पेट की गंदगी की सफाई के लिए मशीन, इमरजेंसी ड्रेसिंग ट्रे, इन्फूजन स्टैंड, जनरेटर सेट, फ्रीज, खून एवं पेशाब की जांच मशीन एवं सिरिंज पम्प एवं ऑक्सीन मशीन भी रहेगी।
क्या कहना है स्वास्थ्य प्रबंधक का –

अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक महबूब आलम ने बताया इस उपकरण के चालू हो जाने से नवजात शिशुओं का आधुनिक तकनीक से ईलाज किया जा सकेगा। इस तरह के इलाज निजी अस्पताल में कराने पर प्रतिदिन एक हजार से ढाई हजार रुपये लगता है। जिन कारण गरीब लोग अपने बच्चे का सही ढंग से इलाज नही करा पाते थे।