मधेपुरा में आयोजित दुसरे दिक्षांत समारोह में हुए सम्मानित, परिजनों सहित गांव में खुशी


बीएनएमयू से सत्र 14-16 में रसायन विज्ञान संकाय में सबसे अधिक अंक प्राप्त कर पाया मेडल


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती।


प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होता। कठिन परिश्रम व सच्ची लगन अगर हो तो कोई भी बाधा प्रतिभा को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती हैं। जरूरत है प्रतिभा को सही मार्गदर्शन देने की।

यही सही साबित कर दिया है एक शिक्षक पुत्र निखिल कुमार ने। पिता के मार्गदर्शन में उसने विश्वविद्यालय टॉपर बन गोल्ड मेडल पा जिले सहित गांव का नाम रौशन किया है। 


जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के तरियामा पंचायत के तरियामा गांव निवासी मध्य विद्यालय भटौनी में कार्यरत शिक्षक संजय कुमार माता सुनीता देवी के पुत्र निखिल रंजन ने कुल 29 गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों में अपनी जगह बना अपने प्रतिभा का लोहा मनवा लिया। 

एम एल टी कालेज सहरसा के छात्र निखिल ने रसायन विज्ञान संकाय में कुल एग्रीगेट 1248 अंकों के साथ इस संकाय में विश्वविद्यालय में टापर स्थान प्राप्त किया। 


विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित दुसरे दिक्षांत समारोह में राज्यपाल ने उन्हें गोल्ड मेडल व प्रमाण पत्र प्रदान किया। टॉपर बनने पर परिजनों सहित गांव में खुशी का माहौल बना है। निखिल रंजन ने अपने सफलता का  श्रेय अपने माता पिता एवं समस्त गुरुजनों को देते हुए कहा कि जी तोड़ मेहनत से सफलता प्राप्त की जा सकती है। किसी भी काम को आप तभी सबसे सुंदर कर पाएंगे जब आप पूर्ण रूप से समर्पित होकर अपनी शत-प्रतिशत योग्यता उस काम में ना झोंक दोगे। 

वही शिक्षक संजय कुमार ने कहा कि मेरे पिता स्व. राम सुन्दर साह हमेशा शिक्षा दान देने का काम किए पिता जी का लगन हमलोग देखें है कि किस प्रकार वे पांव पैदल बारिश, ठंड या किसी भी मौसम में विद्यालय जाना उनका एक मात्र उद्देश्य हुआ करता था। आज उन्ही का आशीर्वाद है कि मेरे पुत्र ने इस सफलता को प्राप्त किया है।
शिक्षक पुत्र सिमरी बख्तियारपुर के लाल ने विश्वविद्यालय टॉपर बन पाया गोल्ड मेडल